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एजीए के बेटे से मारपीट, फायरिंग:प्रयागराज में पांच नामजद समेत 17 पर रिपोर्ट, 28 दिन बाद एफआईआर

प्रयागराज में एजीए देवेन्द्र नाथ मिश्र ने घर में घुसकर बेटे से मारपीट, फायरिंग, धमकी देने और कीमती सामान चोरी करने का आरोप लगाया है। इस मामले में कर्नलगंज पुलिस ने सतीश श्रीवास्तव, उसके दामाद सूरजभान सिंह, आशीष यादव उर्फ सनी, सूरज भारतीय, आदित्य सिंह और दर्जनों अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों पर पहले से कई केस वादी ने पुलिस को बताया कि उनका चैम्बर और पार्किंग आवास के पास ही है। आरोप लगाया कि चैम्बर के बगल में रहने वाला सतीश लंबे समय से अपराधियों को संरक्षण देता है। उसके दामाद सूरजभान सिंह और साथी आशीष यादव उर्फ सनी पर हत्या, बलात्कार, असलहा रखने, तस्करी और अधिवक्ता पर बम फेंकने जैसे कई गंभीर मामले प्रयागराज और कासगंज के विभिन्न थानों में पहले से दर्ज हैं। 10 नवंबर की घटना
शिकायत के अनुसार 10 नवंबर की शाम काली स्कार्पियो में सवार दर्जनों अपराधी चैम्बर के सामने पार्किंग में बैठकर शराब पी रहे थे और अवैध असलहों से फायरिंग कर दहशत फैला रहे थे। उस समय उनके अधिवक्ता बेटे नृपेन्द्र नाथ मिश्र चैम्बर में पढ़ाई कर रहे थे। फावड़े से भी किया हमला
आरोप है कि विरोध करने पर सूरजभान सिंह, आशीष यादव, सतीश श्रीवास्तव, सूरज भारतीय, आदित्य सिंह और अन्य आरोपियों ने नृपेन्द्र को मारापीटा। कहा कि “इधर दिखे तो जान से मार देंगे।”मारपीट के दौरान नृपेन्द्र की एक तोले की सोने की चेन भी आशीष यादव ने छीन ली। आदित्य सिंह ने उन पर फावड़ा चलाकर जान से मारने की कोशिश की, लेकिन मोहल्ले वालों ने बचाया। पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
आरोप है कि 112 पर सूचना देने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन असलहों से लैस दर्जनों अपराधियों की न तो तलाशी ली और न ही कोई कार्रवाई की। इसके बाद 16 नवंबर को भी लगभग ढाई दर्जन अपराधी सतीश के संरक्षण में चैम्बर के सामने गाली-गलौज और फायरिंग करते रहे। दोबारा 112 पर कॉल करने के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। आरोपियों ने चैम्बर का ताला तोड़कर कीमती सामान, महत्वपूर्ण कानूनी किताबें और फाइलें भी गायब कर दीं। हत्या के मामले में हाल ही में जेल से छूटा
वादी का आरोप है कि आरोपी सूरजभान सिंह ने 24 फरवरी को ममफोर्डगंज में एक युवक की हत्या कर दी थी और हाल ही में जेल से छूटकर आया है। स्थानीय पुलिस के संरक्षण के कारण उसके खिलाफ कोई बोलने की हिम्मत नहीं करता। विशेष टीम से जांच कराने की मांग
प्रार्थी ने प्रार्थना-पत्र में कहा कि यदि स्थानीय पुलिस से अलग किसी विशेष टीम को जांच सौंपी जाए तो इस गैंग के पास भारी मात्रा में बम और पिस्टल बरामद हो जाएंगे। 10 नवंबर की घटना के बाद से पूरा परिवार सदमे में है और चैम्बर और पार्किंग इलाके में जाने में डर लग रहा है। कर्नलगंज प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह यादव ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दोनों पक्षों में जमीन का विवाद है।


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