गुस्सा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। केशव की मौत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया। एक पल के गुस्से ने कई जिंदगी बर्बाद कर दीं। हर कोई यही कह रहा है कि अगर घरवाले केशव को रात में घर से बाहर जाने से रोक लेते तो शायद वह जिंदा होता। करीब एक वर्ष से केशव व अंश के परिवार के बीच मनमुटाव था। इसकी शुरुआत उस दिन से हुई जब केशव ने अपनी बहन को अंश के साथ देखा। बेटी नाबालिग थी, इसलिए परिवार ने बेटी की निगरानी शुरु कर दी। इस दौरान कई बार टकराव की स्थिति भी बनी। परिवार नहीं जानता था कि जितना अंश उनकी बेटी की ओर आकर्षित है, उतनी ही बेटी भी अंश को पसंद करती है। जनवरी, 2025 में जैसे ही युवती ने 18 वर्ष पूरे किए, उसने घर की दहलीज लांघ दी। कोर्ट मैरिज कर रोहटा रोड पर रहने लगे
अंश ने केशव की बहन के साथ शादी की और उसे लेकर रोहटा रोड पर रहने लगा। पिता ने अंश के खिलाफ बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया हालांकि युवती के बयान के आधार पर पुलिस इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर पायी। धीरे धीरे युवती का परिवार से संपर्क टूट गया लेकिन मां सोनू इसको बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। वह अभी भी बेटी की घर वापसी चाहती थी लेकिन दोनों परिवारों के पुरुष वर्ग में तनाव बढ़ चुका था। बेटी का फोन आया तो पसीज गया पिता
शादी के चार महीने बाद ही अंश व उसका परिवार केशव की बहन को प्रताड़ित करने लगा। एक दिन मौका पाकर युवती ने अपने परिवार को फोन किया और उसे ले जाने की बात कही। इसके बाद पिता राधेश्याम से रहा नहीं गया और वह बेटी को लेने पहुंच गया। हालांकि उसे सफलता नहीं मिली। कई प्रयास के बाद राधेश्याम ने कंकरखेड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने हस्तक्षेप किया और राधेश्याम के साथ जाकर बेटी को उनकी सुपुर्दगी में दिला दिया। परिवार से अलग रखा बेटी को
राधेश्याम अपनी बेटी को घर लेकर आ गए। पता चला कि बेटी गर्भवती है। इसको लेकर घर में तनाव बढ़ने लगा। कभी अंश अपने साले केशव को फोन कर उसकी बहन पर उल्टे सीधे कमेंट करता तो कभी राधेश्याम यानि अपने ससुर को रोककर धमकाता। केशव दबंग था, इसलिए वह अंश के हर वार का जवाब देता था। यह बात अंश को अंदर ही अंदर खटकने लगी और उसने बदला लेने का मन बना लिया। अब जानते हैं क्या हुआ मौत वाली रात
राधेश्याम की बेटी ने चार दिन पहले ही बेटे को जन्म दिया है। यह बेटा अंश का है। अंश उससे मिलने का प्रयास कर रहा था लेकिन केशव बीच में बाधा बना था। गुरुवार रात करीब 11 बजे अंश की केशव से फोन पर हाट टाक हुई। पिता राधेश्याम और मां सोनू ने फोन काट दिया और केशव को समझा बुझाकर सुला दिया। मां का दूध पिया है तो आजा घर के बाहर
केशव फोन कट करने के बाद सोने की तैयारी करने लगा। रात करीब 11:30 बजे अंश का फिर फोन आया। केशव ने दो बार फोन कट कर दिया लेकिन जैसे ही 11:40 बजे तीसरा फोन आया तो केशव ने कॉल रिसीव कर ली। राधेश्याम ने बताया कि केशव तेज तेज बात करने लगा। अचानक वह घर से बाहर निकला तो उनकी पत्नी सोनू पीछे पीछे चल दी। दोनों के बीच करीब 10 मीटर का फासला था। अंश और पीयूष स्कूटी लेकर खड़े थे। केशव जैसे ही उनकी स्कूटी के पास पहुंचा, तमंचा निकालकर उन्होंने केशव के सीने में गोली मार दी। एक साथ बर्बाद हो गई कई जिंदगी
अंश और केशव के गुस्से ने एक साथ कई जिंदगी तबाह कर दी। राधेश्याम-सोनू से उनका इकलौता बेटा छिन गया तो दोनों बेटियों से उनका भाई। अंश के इस कदम का केशव की बहन की जिंदगी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिसका प्रभाव सीधे सीधे उसके दांपत्य जीवन पर पड़ेगा। पुलिस कार्रवाई करेगी, जिसका असर इन दोनों परिवारों पर पड़ेगा।
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