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एक्टर धर्मेंद्र की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित:सनी के बेटे ने गंगा में प्रवाहित कीं, पूरा देओल परिवार मौजूद रहा

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र की अस्थियां बुधवार को हरिद्वार में हरकी पौड़ी घाट पर विसर्जित कर दी गईं। सनी देओल के मैनेजर पंकज जोशी ने दैनिक भास्कर एप को बताया कि सुबह करीब साढ़े 9 बजे सनी देओल के बेटे करण ने दादा की अस्थियों को विधि-विधान से गंगा में प्रवाहित किया। इस दौरान देओल परिवार के 6 सदस्य वहां पर मौजूद थे। इसके बाद सभी हरिद्वार के ही पीलीभीत होटल पहुंचे। यहां परिवार ने होटल के पीछे बने घाट पर स्नान किया। इसके कुछ देर बाद परिवार होटल से एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गया। मंगलवार शाम ही सनी-बॉबी देओल के साथ पूरा परिवार धर्मेंद्र की अस्थियां लेकर हरिद्वार के पीलीभीत होटल पहुंच गया था। शाम के समय होटल से एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें सनी देओल होटल की बालकनी में चाय पीते हुए दिख रहे थे। पहले चर्चा थी कि मंगलवार को ही अस्थियां विसर्जित की जाएंगी। हालांकि, बाद में परिवार के एक सदस्य के न पहुंच पाने के कारण इसे बुधवार को किया गया। देओल परिवार ने पूरे कार्यक्रम के दौरान किसी से बातचीत नहीं की। 10 दिन पहले हुआ था धर्मेंद्र का निधन
89 की उम्र में धर्मेंद्र का 24 नवंबर को निधन हुआ था। लंबे समय से बीमार चल रहे एक्टर ने मुंबई स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली थी। इसके बाद उसी दिन ही मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था। अंतिम संस्कार में अमिताभ बच्चन, सलमान खान, शाहरुख खान, आमिर खान, संजय दत्त समेत कई फिल्मी हस्तियां शामिल हुईं थीं। हालांकि, जिस तरीके से उनका अंतिम संस्कार हुआ था, उससे उनके चाहने वालों के मन में कई सवाल उठे थे। आखिर पद्म भूषण से सम्मानित धर्मेंद्र की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए क्यों नहीं रखी गई। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ क्यों नहीं हुआ। अब पढ़िए धर्मेंद्र की जिंदगी से जुड़े किस्से… दिलीप कुमार की फिल्म देख चढ़ा हीरो बनने का चस्का 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के नसराली गांव में जन्मे धर्मेंद्र ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने पिता के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। पढ़ाई के दिनों में ही उन्हें फिल्मों का शौक लग गया था, खासकर दिलीप कुमार की फिल्मों का। साल 1948 में जब वे सिर्फ 13 साल के थे, तब उन्होंने दिलीप कुमार की फिल्म ‘शहीद’ देखी थी और उसी समय उन्होंने हीरो बनने का फैसला कर लिया था। लेकिन 19 साल की उम्र में उनके पिता ने उनकी शादी प्रकाश कौर से करा दी। 1958 तक वे एक बच्चे के पिता भी बन चुके थे। इसी बीच धर्मेंद्र ‘फिल्मफेयर’ मैगजीन का न्यू टैलेंट हंट जीत गए, और यहीं से उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुई। दो साल बाद उनकी पहली फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ रिलीज हुई, जिसे तब के नामी डायरेक्टर अर्जुन हिंगोरानी ने बनाया था। फिल्म बहुत बड़ी हिट नहीं रही, लेकिन धर्मेंद्र की सादगी, लुक और बॉडी लैंग्वेज ने दर्शकों का ध्यान खींच लिया। उनकी आखिरी फिल्म ‘इक्कीस’ रही, जो उन्होंने 89 साल की उम्र में की। 65 साल लंबे करियर में धर्मेंद्र ने कुल 307 फिल्मों में काम किया।


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