जिले में उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग और किसानों को जबरन अन्य कृषि सामग्री बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कृषि विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे के निर्देश पर विभाग सक्रिय हो गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि किसानों का शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि कोई विक्रेता निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर उर्वरक बेचता है या यूरिया के साथ अन्य कृषि सामग्री खरीदने के लिए किसानों को मजबूर करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। किसान उर्वरक से जुड़ी किसी भी शिकायत के लिए कंट्रोल रूम नंबर 7839882383 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, वे अपने क्षेत्र के एडीओ (कृषि), बीडीओ, तहसीलदार और एसडीएम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी ओ.पी. मिश्र ने बताया कि जिले में इस समय 24,915 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। इससे किसानों को उर्वरक की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने किसानों से अफवाहों पर ध्यान न देने और अपनी आवश्यकतानुसार ही उर्वरक खरीदने की अपील की। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यूरिया की बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से की जा रही है। किसानों को उनकी जोत के अनुसार प्रति हेक्टेयर अधिकतम सात बोरी यूरिया दिए जाने का प्रावधान है। यदि कोई विक्रेता इस नियम का उल्लंघन करता है या यूरिया के साथ अन्य कृषि सामग्री जबरन बेचता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। कृषि विभाग की टीमें उर्वरक दुकानों पर लगातार निगरानी कर रही हैं। औचक निरीक्षण और छापेमारी के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों के हितों से कोई समझौता न हो। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
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