जालौन के उरई स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के आवासों में हुई बड़ी चोरी का घटना के छह दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक खुलासा नहीं कर सकी है। मामले में सर्विलांस से लेकर कई टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी को पकड़ने में सफलता नहीं मिल सकी है। इससे मेडिकल कॉलेज स्टाफ में सुरक्षा को लेकर गहरी नाराजगी है। घटना वाले दिन देर रात चार चोर सीसीटीवी कैमरे में साफ तौर पर कैद हुए थे। फुटेज में दिख रहा है कि आरोपियों ने पूरी प्लानिंग के साथ आवासीय परिसर का रैकी करते हुए सात अलग-अलग क्वार्टर्स को निशाना बनाया। चोरों ने गायनिक विभाग की डॉक्टर शिल्पी, नर्सिंग ऑफिसर पुष्पा पाल, फार्मासिस्ट घनश्याम पांडे, नर्सिंग ऑफिसर आकांक्षा भट्ट, शिवानी गुप्ता, मार्शलीन और रितु भाटी के घरों में घुसकर कीमती सामान, कैश व अन्य जरूरी दस्तावेज चोरी कर लिए। स्टाफ का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब मेडिकल कॉलेज परिसर को चोरों ने निशाना बनाया हो। इससे पहले भी इसी तरह की चोरी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने से अब बदमाशों के हौसले और बुलंद हो गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी भी साफ तौर पर उजागर हुई है। परिसर में गेट पर सुरक्षा के बावजूद चोरों का आसानी से अंदर घुसकर कई आवासों में वारदात को अंजाम देना बड़ा सवाल खड़ा करता है। पुलिस का कहना है कि सर्विलांस फुटेज, मोबाइल लोकेशन और स्थानीय नेटवर्क के आधार पर चोरों की तलाश की जा रही है। कई पुराने बदमाशों से पूछताछ भी की गई है, लेकिन अब तक किसी सुराग का पुलिस के हाथ नहीं लगना जांच की धीमी रफ्तार पर सवाल खड़े करता है। स्टाफ ने मांग की है कि परिसर में सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाई जाए, गेट पर सख्त चेकिंग हो, और सीसीटीवी कैमरों को अपडेट किया जाए ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सके। वहीं पीड़ित कर्मचारियों का कहना है कि जब तक आरोपी जल्दी गिरफ्तार नहीं होते, तब तक वो खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे। मेडिकल कॉलेज में हुई यह संगठित चोरी पुलिस की कार्यशैली और सुरक्षा व्यवस्था दोनों की बड़ी परीक्षा बन गई है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस कब तक इस मामले का खुलासा कर स्टाफ को राहत देती है।
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