जालौन के उरई जिला कारागार में बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान डीएम राजेश कुमार पाण्डेय और एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने बंदियों को संविधान की शपथ दिलाई। अधिकारियों ने बंदियों को उनके मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराया। साथ ही उन्हें संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप जीवन जीने और पुनर्वास के बाद समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक लौटने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में डीएम ने कहा कि संविधान केवल शासन प्रणाली का आधार नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के जीवन में समानता, स्वतंत्रता और न्याय की भावना स्थापित करने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज है। उन्होंने बंदियों को आश्वस्त किया कि यदि वे सकारात्मक बदलाव के साथ समाज में लौटना चाहेंगे तो प्रशासन हर संभव सहयोग करेगा। पुलिस अधीक्षक ने कानून के सम्मान और अनुशासन के महत्व पर जोर देते हुए बंदियों को अपराधमुक्त जीवन अपनाने का संदेश दिया। वहीं बढ़ती ठंड को देखते हुए प्रशासन ने सभी बंदियों को गर्म जैकेट वितरित कीं। इस मानवीय पहल का बंदियों ने स्वागत किया। अधिकारियों ने बताया कि मौसम परिवर्तन के दौरान बंदियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं लगातार सुनिश्चित की जाएगी। इस अवसर पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कारागार परिसर का निरीक्षण भी किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता, भोजन व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाओं और बंदियों की दैनिक गतिविधियों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने सुधारात्मक उपायों और बेहतर प्रबंधन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। इस कार्यक्रम में जेल अधीक्षक नीरज देव सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। संविधान दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम बंदियों के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ, जिससे उन्हें कानून और संविधान की मूल भावना को समझने तथा जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर मिला।
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