इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा भुगत रहे उमाशंकर पासवान व छः अन्य की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा सजा के खिलाफ अपील की शीघ्र सुनवाई की उम्मीद नहीं है। इसलिए याचीगण जमानत पाने का हकदार हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति विनय कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने याची के अधिवक्ता को सुनकर दिया है। याचीगण कै खिलाफ थाना पुरन्दरपुर, महाराजगंज में एफ आई आर दर्ज की गई थी।सत्र अदालत ने अपराध का दोषी मानते हुए उम्रकैद सहित अन्य सजा सुनाई है। शिकायतकर्ता के घर के सामने गांव सभा की जमीन है।जिस पर कब्जे को लेकर दो पक्षो में खूनी संघर्ष हुआ।जिसमें इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई। अभियुक्तों पर आरोप है कि लाठी ,बल्लम हथियारों से लैश होकर जमीन पर 28 जून 2012 को दोपहर साढ़े 12बजे कब्जा करने की कोशिश की।याची का कहना था मुख्य आरोपी झिनक है जिसकी विचारण के दौरान मौत हो चुकी है।याचियों की भूमिका स्पष्ट नहीं है ।वे छः जनवरी 24से जेल में बंद हैं।सजा के खिलाफ अपील की शीघ्र सुनवाई होने की संभावना नहीं है।
कोर्ट ने कहा इस कोर्ट में रोज सौ केस लगते हैं जिनका तय हो पाना संभव नहीं है।निकट भविष्य में इस अपील की सुनवाई की संभावना नहीं है। कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर करते हुए अपील का पेपर बुक तैयार करने का निर्देश दिया है।और रिहा होने के एक माह के भीतर आधी जुर्माना राशि जमा करने तथा शेष की वसूली पर रोक लगा दी है।साथ ही सजा को निलंबित कर दिया है।
https://ift.tt/QGbVDvr
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply