बुलंदशहर जिले में वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की कुल 3643 संपत्तियों में से 1021 संपत्तियां अभी तक उम्मीद पोर्टल पर दर्ज नहीं की गई हैं। इतनी बड़ी संख्या में संपत्तियों का ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध न होना प्रशासन और वक्फ बोर्ड के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जिले में सुन्नी वक्फ की कुल 3643 संपत्तियां दर्ज हैं, जिनमें से 2664 संपत्तियां उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत हो चुकी हैं। शेष 1021 संपत्तियां अभी भी अनरजिस्टर्ड हैं। इन संपत्तियों के न तो डिजिटल दस्तावेज उपलब्ध हैं और न ही इनके कस्टोडियन (मुतवल्ली) की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की गई है।विभागीय अधिकारियों के अनुसार, कई संपत्तियों पर वर्षों से कोई मुतवल्ली तैनात नहीं है। कुछ मामलों में विवाद, पुराने प्रबंधन के दस्तावेजों की अनुपलब्धता और कई संपत्तियों पर कब्जे से जुड़े मामलों के कारण ये संपत्तियां पोर्टल पर सत्यापित नहीं हो पा रही हैं। यह स्थिति वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रभावित कर रही है।इसके विपरीत, जिले में शिया वक्फ बोर्ड की सभी 83 संपत्तियां उम्मीद पोर्टल पर सफलतापूर्वक दर्ज कर दी गई हैं। इसे विभागीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।वक्फ बोर्ड ने प्रदेश भर में वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण के लिए 6 दिसंबर की अंतिम तिथि निर्धारित की थी। इसके बावजूद बुलंदशहर में सुन्नी वक्फ की 1000 से अधिक संपत्तियों का अनरजिस्टर्ड रह जाना वक्फ अधिकारियों के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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