उन्नाव जिले की आदर्श मौरावानगर पंचायत में SIR अभियान के तहत प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। बेनीगंज स्थित मेला रामलीला ट्रस्ट की जमीन पर बनी संदिग्ध झोपड़ियों की सूचना पर अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। नायब तहसीलदार नीरज चतुर्वेदी, पुरवा लेखपाल निशांत वर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष कुंवर विवेक सेठ और नगर पंचायत मौरावा का स्टाफ मौके पर पहुंचा। टीम ने प्रत्येक झोपड़ी में जाकर वहां रह रहे लोगों के कागजात की बारीकी से जांच की। जांच में सामने आया कि कुछ लोग बिना किसी पहचान पत्र के रह रहे थे, जबकि कई झोपड़ियां खाली मिलीं। नायब तहसीलदार ने जब निवासियों से पूछा कि वे किसके कहने पर ट्रस्ट की जमीन पर काबिज हैं, तो उन्होंने बताया कि पूर्व नगर अध्यक्ष ने 1100 रुपये लेकर उन्हें यह जमीन रहने के लिए दी थी। हालांकि, उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले और वे आगे जानकारी देने में असमर्थ रहे। अधिकारियों ने सभी निवासियों को निर्देश दिया कि वे अपने पहचान पत्र और दस्तावेज लेकर नगर पंचायत मौरावा कार्यालय में उपस्थित हों और ट्रस्ट की भूमि तुरंत खाली करें। प्रशासन अब मेला रामलीला ट्रस्ट की जमीन को बेचने या कब्जा दिलाने के मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है। इसी दौरान टीम हिलौली रोड स्थित मुकरबा बाबा क्षेत्र भी पहुंची। यहां शिकायत मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग झोपड़ियां बनाकर रह रहे हैं। जांच के दौरान कुछ व्यक्तियों ने बताया कि वे इलाज के लिए वर्षों से यहां अस्थायी रूप से रुकते आए हैं। SIR अभियान के तहत सभी की पहचान की जांच अनिवार्य की गई है। पिछले दिनों लखनऊ में पहचान छिपाकर सरकारी नौकरी करने का मामला सामने आने के बाद जिले में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी कारण मौरावानगर पंचायत के हर वार्ड में संदेह के आधार पर जांच की जाएगी, ताकि बांग्लादेशी या रोहिंग्या जैसे संदिग्ध लोग न छिपे हों। नायब तहसीलदार नीरज चतुर्वेदी ने बताया कि यह जांच अभियान लगातार जारी रहेगा। मेला रामलीला ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जा दिए जाने और दस्तावेजों के नाम पर ली गई रकम को लेकर भी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि संदिग्ध झोपड़ियों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे और संबंधित वार्डों में व्यापक सत्यापन अभियान चलाया जाएगा।
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