उन्नाव जिले के मझरा पीपरखेडा एहतमाली गांव में 36 वर्षों से लंबित सर्वे बंदोबस्त कार्य को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने सर्वे विभाग पर गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस लापरवाही से किसानों को लगातार आर्थिक और मानसिक नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक, सर्वे विभाग ने वर्ष 1991 से सर्वे रिकॉर्ड ऑपरेशन शुरू किया था। इसके बावजूद, आज तक न तो सही भू-अभिलेख तैयार किए जा सके हैं और न ही भूमि मानचित्रों की गंभीर त्रुटियों को सुधारा गया है। उनका आरोप है कि 36 वर्षों में एक इंच भूमि का भी सही सर्वे नहीं हुआ है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि कब्जा सत्यापन प्रक्रिया अधूरी है और किसानों को अद्यतन व सही अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। वे कहते हैं कि सर्वे अधिकारी गलत, फर्जी और अप्रमाणित सरकारी भू-मानचित्रों के आधार पर उन्हें परेशान कर रहे हैं, जबकि प्रभावशाली और पूंजीपतियों को अवैध लाभ पहुंचाया जा रहा है। इस संबंध में, सर्वे रिकॉर्ड ऑफिसर (ए.आर.ओ.) प्रशांत कुमार ने 18 अगस्त 2024 को आयुक्त एवं सचिव, राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश को पत्र लिखा था। उन्होंने ग्रामसभा में व्याप्त गंभीर विसंगतियों की जानकारी देते हुए बताया था कि सर्वे विभाग के पास उपलब्ध मानचित्र लगभग 200 बीघा भूमि में छोटा दर्शाया गया है। यह मानचित्र दिशाहीन, फर्जी और अप्रमाणित है, जिसके कारण बार-बार भूमि विवाद उत्पन्न हो रहे हैं। इससे पूर्व, सहायक अभिलेख अधिकारी, उन्नाव ने 29 जनवरी 2018 को जनसूचना के माध्यम से स्पष्ट किया था कि ग्राम मझरा पीपरखेडा एहतमाली सीमा विवाद से ग्रस्त है और कोई नवीन मानचित्र उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया था कि उपलब्ध पुराना मानचित्र 1367 फसली (1959 ई.) का है, जो किसी सक्षम अधिकारी से प्रमाणित नहीं है। इसके अतिरिक्त, सहायक अभिलेख अधिकारी ने 18 जुलाई 2024 को राजस्व परिषद को भेजे एक अन्य पत्र में बताया था कि उपलब्ध मानचित्र में दर्शाया गया क्षेत्रफल खतौनी के क्षेत्रफल से काफी कम है। मानचित्र की दिशावार स्थिति भी पूरी तरह गलत है और इसकी सीमाएं पड़ोसी गांवों नेतवा, सरैया तथा फतेहपुर से मेल नहीं खातीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इन सभी तथ्यों के संज्ञान में होने के बावजूद ए.आर.ओ. प्रशांत कुमार और कानूनगो देवेंद्र यादव द्वारा मनमानी, उत्पीड़न और कथित अवैध कार्यवाही की जा रही है। पीड़ितों में शामिल पंकज सिंह और श्रद्धा सिंह ने बताया कि गलत सर्वे के कारण उन्हें वर्षों से न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई तथा ग्राम का सही सर्वे मानचित्र तैयार कराने की मांग की है। एआरओ प्रशांत ने बताया कि प्रकरण की जांच चल रही है रिपोर्ट पूरी प्राप्त होने के बाद कार्यवाही की जाएगी।
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