उन्नाव में पूर्व सैनिक सेवा फाउंडेशन ने मंगलवार को 1971 के भारत-पाक-बांग्लादेश युद्ध के शहीदों की स्मृति में कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। सभी ने हाथों में जलती मोमबत्तियां लेकर शहीदों को नमन किया। कैंडल मार्च शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरा। इस दौरान “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” और “शहीदों अमर रहें” जैसे देशभक्ति के नारे लगाए गए। मार्च में शामिल पूर्व सैनिकों ने अनुशासन और एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने 16 दिसंबर 1971 के ऐतिहासिक युद्ध को याद किया। उन्होंने बताया कि इसी दिन पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण किया था, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया। वक्ताओं ने इस जीत को भारतीय सेना के अदम्य साहस, रणनीति और बलिदान का प्रतीक बताया। पूर्व सैनिकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि देश की आजादी और अखंडता की रक्षा के लिए सैनिक हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने युवाओं से शहीदों के बलिदान को याद रखने और देश सेवा के लिए प्रेरित होने की अपील की। वक्ताओं ने 1971 के युद्ध को भारत के सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया, जिसने देश का मान बढ़ाया। कैंडल मार्च के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को कभी न भूलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। पूर्व सैनिक सेवा फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में देशभक्ति की भावना को मजबूत करते हैं और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते हैं।
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