उन्नाव के मगरवारा क्षेत्र में रेलवे की गंभीर लापरवाही सामने आई है। बुधवार रात डाउन रेलवे ट्रैक पर सीमेंटेड स्लीपर पड़े होने के कारण तेजस एक्सप्रेस को गंगाघाट रेलवे स्टेशन पर लगभग 27 मिनट तक रोकना पड़ा। समय रहते स्लीपर पर ट्रेन की नजर पड़ गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। इस घटना की जांच आरपीएफ इंस्पेक्टर हरीश कुमार मीणा ने की। जांच में पता चला कि लूप लाइन के पास जेसीबी से गिट्टी लोडिंग का काम चल रहा था। इसी दौरान जेसीबी के पिछले हिस्से की ठोकर लगने से एक सीमेंटेड स्लीपर पटरी पर आ गया था। इस घटना के बावजूद, गंगाघाट रेलवे स्टेशन के आसपास ट्रैक किनारे बड़ी संख्या में सीमेंटेड स्लीपर अब भी बेतरतीब ढंग से पड़े हुए हैं। यदि इनमें से कोई स्लीपर दोबारा ट्रैक पर आ जाए तो किसी बड़े रेल हादसे की आशंका बनी हुई है। बताया जा रहा है कि ये स्लीपर लंबे समय से यहां पड़े हैं। गंगाघाट रेलवे स्टेशन के अधीक्षक एसएस शकील ने बताया कि ट्रैक के किनारे पड़े सीमेंटेड स्लीपरों को हटाने के लिए रेल पथ विभाग को सूचित कर दिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही स्लीपर हटवाकर ट्रैक को पूरी तरह सुरक्षित किया जाएगा। यात्रियों ने इस तरह की लापरवाही पर चिंता व्यक्त की है, खासकर तेज रफ्तार ट्रेनों वाले मार्ग पर। उनका कहना है कि यह जानलेवा साबित हो सकती है। रेलवे प्रशासन की इस कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसी बड़ी घटना के बाद ही कार्रवाई क्यों की जाती है। इस संबंध में ज्वाइंट रिपोर्ट तैयार कर आरपीएफ लखनऊ मुख्यालय भेजी गई है। स्लीपर के चलते यात्री भी हो रहे परेशान- अप और डाउन लाइन के किनारे पड़े सीमेंटेड स्लीपर यात्रियों के लिए भी परेशानी का कारण बन रहे हैं। प्लेटफॉर्म एक से चार तक आने-जाने के दौरान यात्रियों को ट्रैक पार करना पड़ता है। ऐसे में स्लीपर पड़े होने से फिसलने और चोट लगने की आशंका बनी रहती है। यात्रियों ने जल्द से जल्द स्लीपर हटाने की मांग की है।
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