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उन्नाव में रेलवे ने जारी किए अतिक्रमण हटाने के नोटिस:एक दर्जन मकानों पर किया चस्पा, दशकों से रह रहे परिवारों को बेघर होने का डर

उन्नाव में अमृत भारत रेलवे स्टेशन परियोजना के तहत चल रहे निर्माण कार्यों ने शहर के पश्चिमी क्षेत्र के दर्जनों परिवारों की चिंता बढ़ा दी है। रेलवे प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किए हैं, जिसमें 15 जनवरी तक स्वयं निर्माण हटाने और 16 जनवरी को अभियान चलाकर मकानों को ध्वस्त करने की चेतावनी दी गई है। इससे वर्षों से रह रहे लोगों में बेघर होने का भय गहरा गया है। ये नोटिस कानपुर पुल के बाएं किनारे स्थित इंप्रूवमेंट एवं डेवलपमेंट कार्य में बाधक बताए जा रहे एक दर्जन से अधिक मकानों पर चस्पा किए गए हैं। सीनियर सेक्शन इंजीनियर शिव कुमार गुप्ता के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई का स्थानीय निवासियों ने कड़ा विरोध किया है। उनका दावा है कि वे पिछले 40 से 50 वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे हैं और उनके पास अपनी भूमि की रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेज भी मौजूद हैं। स्थानीय निवासी सुरेंद्र गुप्ता, अजय, रोहित, रिंकू साहू, किशन गुप्ता, बाल मुकुंद, जितेंद्र, रवि वर्मा और सूरज साहू सहित कई लोगों ने बताया कि उन्होंने अपना पूरा जीवन इसी क्षेत्र में बिताया है। उनका कहना है कि जब वे कच्चे घरों में रहते थे, तब रेलवे ने कभी इस जमीन पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब जब उन्होंने वर्षों की मेहनत से पक्के मकान बना लिए हैं, तो उन्हें अतिक्रमणकारी बताया जा रहा है। प्रभावित परिवारों का तर्क है कि यदि यह भूमि वास्तव में रेलवे की है, तो प्रशासन को पहले ही स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए थी। दशकों बाद इस तरह की कार्रवाई करना अन्यायपूर्ण है। लोगों ने सरकार और रेलवे प्रशासन से मांग की है कि उन्हें पुनर्वास योजना के तहत वैकल्पिक भूमि या आवास उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वे अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने को मजबूर होंगे। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के अंतर्गत राजीव नगर खंती क्षेत्र में लगभग डेढ़ सौ अवैध निर्माणों को रेलवे द्वारा ध्वस्त किया गया था। उसके बाद से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य जारी है। रेलवे प्रशासन का तर्क है कि स्टेशन के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए यह कार्रवाई आवश्यक है और पूरी प्रक्रिया नियमानुसार की जा रही है। हालांकि, प्रभावित लोगों का कहना है कि बिना समुचित सुनवाई और वैकल्पिक व्यवस्था के इस तरह की कार्रवाई मानवीय दृष्टि से गलत है। नोटिस चस्पा होने के बाद से क्षेत्र में भय और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। जिन मकानों पर नोटिस चस्पा की गई है, उनमें चार से पांच दशकों से लोग रह रहे हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन यहीं गुजार दिया है, ऐसे में अचानक बेदखली की कार्रवाई ने उन्हें मानसिक रूप से झकझोर दिया है।


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