उन्नाव के सफीपुर तहसील क्षेत्र में शारदा नहर से निकली बारीथाना माइनर दो स्थानों पर कट गई। इससे अमानखेड़ा गांव के पास पचासों बीघा गेहूं और सरसों की फसलें जलमग्न हो गईं, जिससे किसानों में भारी चिंता है। लखनऊ-बांगरमऊ मार्ग पर स्थित इस घटना से खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों का अनुमान है कि लगभग 50 बीघा से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है। किसानों ने आरोप लगाया है कि लगभग 20 दिन पहले बारीथाना माइनर की सफाई में खानापूर्ति की गई थी। उनका कहना है कि नहर में खरपतवार और गाद की उचित सफाई न होने के कारण पानी का बहाव बाधित रहा। सिंचाई के लिए माइनर में पानी छोड़े जाने के कुछ ही समय बाद अमानखेड़ा गांव के पास दो जगहों से माइनर कट गई। तेज बहाव के साथ पानी तेजी से आसपास के खेतों में फैल गया। सुधीर सिंह, सतेंद्र सिंह, श्यामलाल, कन्हई, रामचंद्र, मेवालाल, उर्मिला देवी, आशा सिंह, विशंभर, विजय कुमार सिंह, रमेश सिंह, देव कुमारी, सरोजनी और नन्हके गुप्ता सहित दर्जनों किसान इस घटना से प्रभावित हुए हैं। किसानों को आशंका है कि खेतों में पानी भर जाने से फसलें सड़ सकती हैं, जिससे उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। किसानों ने यह भी बताया कि माइनर के पास बनी एक पुलिया पानी की निकासी में बाधा डालती है। पुलिया के पास पानी रुकने से दबाव बढ़ता है, जिससे माइनर कमजोर स्थानों से कट जाती है। किसानों का कहना है कि उन्होंने इस समस्या की शिकायत पहले भी की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। घटना की सूचना नहर विभाग को दे दी गई है। इस संबंध में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) दीपक यादव ने बताया कि माइनर की खांदी कटने के कारणों की जांच कराई जाएगी और स्थिति का आकलन कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल किसान विभागीय कार्रवाई और मुआवजे की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें हुए नुकसान की भरपाई हो सके।
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