उन्नाव के सरैयां स्कूल के पास अमृत योजना के तहत बिछाई गई भूमिगत पेयजल पाइपलाइन रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस घटना के कारण क्षेत्र में कई दिनों तक पेयजल आपूर्ति बाधित रही और लोगों को पानी के संकट का सामना करना पड़ा। करीब छह माह पूर्व बिछाई गई यह पाइपलाइन आरओबी निर्माण कर रही रेलवे की कार्यदायी संस्था गिरिराज कंस्ट्रक्शन और उसकी सहयोगी एजेंसी गिरिराज ग्रुप से जुड़े ठेकेदार द्वारा पिलर पायलिंग व भारी मशीनरी से की गई गहरी खुदाई के दौरान टूट गई थी। घटना के तुरंत बाद जल निगम के अधिकारियों ने रेलवे विभाग को लिखित सूचना भेजकर बिना अनुमति चल रहे खुदाई कार्य पर आपत्ति जताई थी। जल निगम ने क्षतिग्रस्त पाइपलाइन के लिए संबंधित एजेंसी से हर्जानाजमा करने हेतु पत्र भी जारी किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे बोर्ड के निर्देश पर कार्यदायी संस्था ने जल निगम को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान कर दिया है। हर्जाना प्राप्त होने के बाद अब जल निगम ने रेलवे विभाग की सहमति और तकनीकी शर्तों के अनुसार पाइपलाइन को दोबारा सुरक्षित स्थान पर स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया है। नए प्रावधान के तहत पेयजल पाइपलाइन को आरओबी के पिलर से लगभग 10 फीट की सुरक्षित दूरी पर स्थानांतरित किया जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी निर्माण कार्य के दौरान इसे क्षति न पहुंचे। जल निगम के सहायक अभियंता (एई) अमित कुमार ने बताया कि पूर्व में रेलवे की एजेंसी द्वारा बिना समन्वय के गहरी खुदाई किए जाने से पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हुई थी, जिसका भुगतान अब किया जा चुका है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस बार पाइपलाइन को पूरी सुरक्षा के साथ पुनर्स्थापित किया जा रहा है, जिससे आने वाले वर्षों में पेयजल आपूर्ति निर्बाध बनी रहे। एई अमित कुमार ने यह भी बताया कि यह प्रमुख पाइपलाइन गंगा बैराज से सीधे सरैयां रेलवे क्रॉसिंग तक लाई गई है। यहां से इसे भूमिगत रूप से क्रॉसिंग पार कराते हुए मरहला चौराहा तक पहुंचाया जाएगा और आगे नगर की मुख्य पेयजल लाइन से जोड़ दिया जाएगा। इससे शुक्लागंज क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति अधिक सुचारु और स्थिर हो सकेगी।
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