उन्नाव में सोमवार दोपहर को बाल संरक्षण तंत्र की तत्परता से एक नाबालिग बालिका का विवाह होने से पहले ही रोक दिया गया। चाइल्ड हेल्पलाइन को मिली सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने मौके पर पहुंचकर बालिका को सुरक्षित संरक्षण में ले लिया। यह घटना अजगैन थाना क्षेत्र के ग्राम धरागढ़ की निवासी नाबालिग से संबंधित है, जिसका विवाह सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला किशोरी खेड़ा के एक युवक से अन्नपूर्णा धाम, लखनऊ बाईपास स्थित एक स्थल पर कराया जा रहा था। सोमवार दोपहर को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर नाबालिग बालिका की शादी की तैयारियों से संबंधित सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही जिला समन्वयक दिवाकर ओझा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया। जिला प्रोबेशन अधिकारी क्षमा नाथ राय के निर्देश पर चाइल्ड हेल्पलाइन टीम और स्थानीय पुलिस तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई। मौके पर पहुंचने पर टीम ने पाया कि शादी की रस्में चल रही थीं और नाबालिग बालिका का विवाह संपन्न कराने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी थी। टीम ने तत्काल विवाह रुकवाया और बालिका को अपने संरक्षण में ले लिया। इसके बाद, चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने बालिका को बाल कल्याण समिति (CWC) उन्नाव के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां मामले की सुनवाई हुई। बाल कल्याण समिति ने बालिका की सुरक्षा और उसकी मनोवैज्ञानिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे वन स्टॉप सेंटर में दाखिल करने का आदेश दिया। आदेश के बाद बालिका को सुरक्षा और देखभाल के लिए सेंटर में पहुंचा दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि नाबालिग बालिका का विवाह करवाना बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत एक गंभीर अपराध है। इस पूरे प्रकरण में संबंधित परिवारों से पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक ने जानकारी दी कि समय पर सूचना मिलने से एक नाबालिग का भविष्य अंधकार में जाने से बच गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि बाल विवाह से संबंधित किसी भी सूचना को तुरंत 1098 पर दें, ताकि बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके।
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