उन्नाव में किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उर्वरक दुकानों पर सघन छापेमारी की गई। इस अभियान के तहत एक दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया, जबकि 11 अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई प्रमुख सचिव (कृषि) के आदेश पर जिलाधिकारी के निर्देशानुसार गठित तीन संयुक्त टीमों द्वारा की गई। जिलाधिकारी ने जिले की सभी तहसीलों को कवर करने के लिए तीन टीमें गठित की थीं। पहली टीम में उप कृषि निदेशक रविचंद्र प्रकाश और संबंधित उप जिलाधिकारी शामिल थे, जिन्होंने सदर और बीघापुर तहसील की दुकानों का निरीक्षण किया। दूसरी टीम में जिला कृषि अधिकारी शशांक और संबंधित उप जिलाधिकारी ने बांगरमऊ व सफीपुर तहसील की दुकानों की जांच की। तीसरी टीम में वरिष्ठ प्राविधिक सहायक (ग्रुप ए) अनुराग कुमार और संबंधित उप जिलाधिकारी ने हसनगंज व पुरवा तहसील क्षेत्रों में छापेमारी की। संयुक्त टीमों ने जनपद में कुल 34 उर्वरक दुकानों का निरीक्षण किया। इस दौरान कई दुकानों पर अनियमितताएं सामने आईं। संदिग्ध स्टॉक मिलने पर कुल 8 उर्वरक नमूने जांच के लिए लिए गए हैं, जिन्हें परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभियान के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले 11 प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। इसके अतिरिक्त, सौम्या खाद भंडार, दीवारा कलां सिरोसी का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसानों के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कृषि विभाग ने सभी उर्वरक विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि उर्वरकों का वितरण केवल पीओएस मशीन के माध्यम से खतौनी के अनुसार ही किया जाए। प्रत्येक दुकान पर स्टॉक बोर्ड, रेट बोर्ड, स्टॉक एवं वितरण रजिस्टर तथा कैश मेमो का होना अनिवार्य है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ओवररेटिंग, टैगिंग, कालाबाजारी या दुकान बंद पाए जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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