उन्नाव गैंगरेप मामले में दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत रद्द होने के बाद, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा), इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सेंगर को दी गई जमानत और आजीवन कारावास की सजा निलंबित करने के आदेश ने देशभर में आक्रोश पैदा किया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस फैसले पर रोक लगाना आम जनता की आवाज और सड़क के संघर्षों की जीत है। दिल्ली, प्रयागराज सहित कई शहरों में छात्र, महिला संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले को लेकर सड़कों पर उतरे थे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने पीड़िता, संगठनों और न्याय के लिए लड़ी गई लड़ाई को मजबूत किया है। प्रदर्शन के दौरान यह भी उल्लेख किया गया कि दोषी विधायक को जमानत मिलने की खबर के बाद पीड़ित परिवार पर हमले शुरू हो गए थे। महिला संगठनों ने चिंता जताई कि यदि जमानत रद्द होने के बावजूद सुरक्षा हालात बिगड़ते हैं, तो पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने जंतर-मंतर पर हुए हमलों और इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं की गिरफ्तारी को दमनकारी रणनीति का हिस्सा बताया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उन्नाव, बीएचयू, कठुआ और बिलकिस बानो जैसे मामलों में भाजपा का रवैया कथित तौर पर दुष्कर्मियों के पक्ष में रहा है। उन्होंने ‘बेटी बचाओ’ नारे को केवल दिखावा बताते हुए कहा कि व्यवहार में ‘बलात्कारियों के सम्मान में भाजपा मैदान में’ दिखाई देती है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पीड़िता की आवाज दबाने का प्रयास करने वाले पुलिसकर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों और सेंगर समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस प्रदर्शन में ऐपवा की पद्मा सिंह, जिला संयोजक रूपाली श्रीवास्तव, आरवाईए प्रदेश उपाध्यक्ष राधा गौड़ और आइसा अध्यक्ष सोनाली यादव सहित अनेक छात्र-कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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