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उन्नाव डीएम ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर जताई नाराजगी:अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश, आयुष्मान योजना पर भी सख्ती

उन्नाव। जिलाधिकारी गौरांग राठी ने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित दो महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता की। इन बैठकों में उन्होंने विभागीय लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए। इनमें जिला स्वास्थ्य समिति और डिस्ट्रिक्ट इम्पैनलमेंट एवं शिकायत निवारण समिति की बैठकें शामिल थीं। पहली बैठक में जिले में संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने आरोग्य मंदिर की कार्यप्रणाली, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, आयुष्मान कार्ड, टीकाकरण, एएनसी सेवाएं, एचएमआईएस डाटा में जीरो-डोज बच्चों की स्थिति और आशाओं के भुगतान की प्रगति का विस्तृत मूल्यांकन किया। उन्होंने बच्चों के टीकाकरण को समय पर पूरा कराने और सभी सत्रों को सक्रिय करने के निर्देश दिए। साथ ही, प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर वजन मशीन, इंफेंटोमीटर, स्टेडियोमीटर और थर्मामीटर जैसे उपकरण अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने सैम (गंभीर तीव्र कुपोषण) और मैम (मध्यम तीव्र कुपोषण) से ग्रस्त बच्चों के चिन्हांकन में धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जीरो सैम-मैम दर्ज करने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच कराई जाएगी और लापरवाही मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पोषण कार्यक्रमों में प्रभावी सुधार, बच्चों का नियमित वजन और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलीवरी की संख्या में भी वृद्धि सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। सभी एमओआईसी को अस्पतालों में साफ-सफाई, भोजन वितरण और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने का आदेश दिया गया। इसके बाद, जिलाधिकारी ने डिस्ट्रिक्ट इम्पैनलमेंट कमेटी और जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान पोर्टल पर आए नए आवेदनों, इम्पैनल अस्पतालों की स्थिति और पुराने आवेदनों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा हुई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी 35 मानकों को 30 नवंबर तक पूरा किया जाए, अन्यथा संबंधित अस्पतालों के भुगतान पर रोक लगा दी जाएगी। उन्होंने फातिमा और मेडिसिटी अस्पताल के अप्रूवल में देरी पर कड़ी नाराजगी जताते हुए टीम को शीघ्र सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत किसी भी मरीज को सेवा में देरी या क्लेम विवाद की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने सभी लंबित मामलों का समयबद्ध निस्तारण अनिवार्य बताया। बैठकों में मुख्य विकास अधिकारी कृतिराज, CMO डॉ. सत्यप्रकाश, परियोजना निदेशक तेजवंत सिंह, नोडल अधिकारी, DIU टीम, ISA हेरिटेज प्रतिनिधि तथा विभिन्न अस्पतालों के प्रबंधक व डॉक्टर उपस्थित रहे।


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