उन्नाव के शुक्लागंज स्थित मिश्रा कॉलोनी में गंगा नदी का भीषण कटान जारी है। पिछले लगभग दो महीनों से हो रहे इस कटान के कारण मिट्टी लगातार धंस रही है, जिससे अब रिहायशी इलाके भी प्रभावित होने लगे हैं। दर्जनों परिवारों के मकानों की नींव सीधे तौर पर खतरे में आ गई है और गंगा की धारा घरों से कुछ ही कदम दूर रह गई है। इस स्थिति से स्थानीय लोगों में गहरी चिंता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, गंगा नदी में जलस्तर कम होने के बाद उसका बहाव सीधे तट से टकरा रहा है, जिससे मिट्टी का कटाव तेजी से हो रहा है। हर सुबह लोग यह देखकर भयभीत हो जाते हैं कि तट फिर कुछ मीटर अंदर खिसक गया है। कटान की गति इतनी तेज है कि कई घरों के बरामदे और दीवारें अब हवा में लटकने लगी हैं। कुछ मकानों में दरारें भी दिखाई देने लगी हैं, जिससे किसी भी समय बड़े हादसे की आशंका बढ़ गई है। इस भयावह स्थिति का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें नदी का बहाव तट को तेजी से काटता हुआ स्पष्ट देखा जा सकता है। लगातार बढ़ते खतरे के कारण स्थानीय लोग अपने घरों के उजड़ने के डर से परेशान हैं। कई परिवारों ने आपात स्थिति में सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अपना जरूरी सामान समेटना शुरू कर दिया है। खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर लोग बेहद चिंतित हैं। रात के समय घरों में सोना भी उनके लिए जोखिम भरा हो गया है। सिंचाई विभाग द्वारा कटान रोकने के लिए बांस-बल्ली लगाकर अस्थायी प्रयास किए गए थे, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं और कटान पर कोई प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक स्तर पर केवल आश्वासन दिए जा रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही है। स्थानीय निवासी राम आसरे ने बताया, “कटान हमारे दरवाजे तक आ चुका है। रात में घर में सोने से डर लगता है।”
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