उद्यान विभाग बेरोजगार युवाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रहा है। इसका उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना और अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा करना है। विभाग की प्रमुख योजनाओं में से एक ‘रेडी टू ईट’ उद्योग स्थापित करने पर केंद्रित है। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि विभाग बेरोजगारों के लिए कई योजनाएं चला रहा है, जिनमें ‘रेडी टू ईट’ योजना प्रमुख है। इस योजना में वे सभी खाद्य पदार्थ शामिल हैं जिन्हें सीधे खरीदकर खाया जा सकता है, जैसे पेटीज, मिठाइयां और केक। इन उद्योगों की स्थापना के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) के तहत 10 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। 5 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर, यदि लाभार्थी के पास 50,000 रुपये की पूंजी है, तो वह बैंक से 4.5 लाख रुपये का ऋण ले सकता है। इस ऋण पर उद्यान विभाग द्वारा 1.75 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जबकि शेष 2.75 लाख रुपये लाभार्थी को अपनी कमाई से चुकाने होंगे। इस योजना का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि यदि ‘रेडी टू ईट’ उत्पाद सीधे कृषि उत्पादन से तैयार किए जाते हैं (जैसे पेटीज के लिए गेहूं का आटा), तो ब्याज दर में 6% की छूट मिलती है। इससे लाभार्थी को बैंक से 3% से 4% की प्रभावी ब्याज दर पर ऋण मिल जाता है। इन उत्पादों की मांग बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर अधिक रहती है, जिससे व्यापार की अच्छी संभावनाएं बनती हैं।
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