DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

इस्तीफा मंजूर होने के पहले चीफ प्राॅक्टर ने छोड़ी कुर्सी:इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो. राकेश सिंह ने डिप्टी प्रॉक्टर अतुल नारायण का सौंपा चार्ज

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश सिंह के इस्तीफे के बाद से विश्वविद्यालय में हलचल बढ़ गई है। उनके इस्तीफ को लेकर तरह तरह की चर्चाएं जारी हैं लेकिन प्रो. राकेश सिंह ने इस्तीफा पत्र में साफ लिखा है कि बैठक में पुलिस कमिश्नर के गलत व्यवहार से वह आहत हैं। उनका इस्तीफा गुरुवार तक कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने मंजूर नहीं किया था लेकिन प्रो. राकेश सिंह ने इसके पहले ही कुर्सी छोड़ दी। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की अधिसूचना के मुताबिक, प्रो. राकेश सिंह ने अपना कार्यभार डिप्टी प्रॉक्टर डॉ. अतुल नारायण सिंह को सौंप दिया है। अपने मूल विभाग में रहेंगे प्रो. राकेश सिंह प्रो. राकेश सिंह ने रजिस्ट्रार को भेजे पत्र में लिखा है कि 27 नवंबर की अधिसूचना के अनुपालन में वे प्रॉक्टर कार्यालय की जिम्मेदारी डिप्टी प्रॉक्टर अतुल नारायण सिंह को सौंप रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक उनका इस्तीफ़ा स्वीकृत नहीं होता, प्रॉक्टर कार्यालय से संबंधित किसी भी कार्य के लिए वे अपने मूल विभाग हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषाएं विभाग से संपर्क में रहेंगे। वहीं, डिप्टी प्रॉक्टर डॉ. अतुल नारायण सिंह ने औपचारिक रूप से प्रॉक्टर कार्यालय का कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने बताया कि वे निर्धारित अधिसूचना के अनुसार प्रॉक्टर कार्यालय का संचालन संभाल रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बदलाव की सूचना कुलपति को भी भेज दी है। इस्तीफे में प्रो. राकेश सिंह ने क्या लिखा? उन्होंने लिखा, “आपके (कुलपति) कैंप आफिस में प्रयागराज प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान पुलिस कमिश्नर द्वारा उनकी प्रकृति और व्यक्तित्व पर की गई टिप्पणी से वे आहत हुए हैं। पुलिस अधिकारी द्वारा की गई टिप्पणी न केवल मेरे व्यक्तिगत रूप से अपमानजनक थी, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अपेक्षित समर्थन न मिल पाने पर उन्हें असहज परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। ऐसी स्थिति में मैं चीफ प्रॉक्टर पद पर काम करने के लिए खुद को उचित नहीं समझ रहा हूं और मेरा इस्तीफा मंजूर कर लें।” प्रो. सिंह ने आगे लिखा है कि “चीफ प्रॉक्टर की जिम्मेदारियों के कारण उन्हें अनुशासनहीन तत्वों से सख्ती से निपटना पड़ता है, जो एक शिक्षक के मूल स्वभाव के विपरीत है, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने आत्मसम्मान और आचरण को कभी प्रभावित नहीं होने दिया। इन परिस्थितियों में स्वयं का सम्मान बनाए रखना कठिन हो गया है। ऐसे में चीफ प्रॉक्टर पद से त्यागपत्र देना मेरे लिए जीवन-रक्षक औषधि जैसा आवश्यक हो गया है।” जानिए, कहां से शुरू हुआ था यह विवाद शायर फैज अहमद फैज की स्मृति दिवस पर दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय कैंपस में एक कविता पाठ आयोजित कराना चाहते थे। इसके लिए वह विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर आफिस में गए थे अनुमति के लिए। वहीं पर कुछ विवाद हुआ था। छात्रों ने आरोप लगाया कि वहां पर चीफ प्राॅक्टर प्रो. राकेश सिंह और सहायक चीफ प्रॉक्टर अतुल नारायण सिंह ने उनके साथ बदमीजी की और गाली गलौच किया। इसके बाद तीन छात्र निधि, सौम्या और संजय का निलंबन किया गया। बस इसी बात को लेकर छात्र आंदोलन करने लगे। निलंबित छात्रों का निलंबन वापस लिए जाने और चीफ प्राॅक्टर को हटने की मांग कर रहे थे। 24 नवंबर से छात्र विश्वविद्यालय गेट पर बड़ा आंदोलन शुरू कर दिए थे। 25 को राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी छात्रों के बीच पहुंचे थे इसके बाद प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन भी हरकत में आ गया था।


https://ift.tt/1bH80Am

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *