इस्कॉन के संन्यासी गुरु लोकनाथ स्वामी महाराज को वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ लंदन ने दुनिया में सबसे ज्यादा पैदल यात्रा करने और कराने वाले संत के रूप में सम्मानित किया है। उनके नेतृत्व में बीते 40 सालों में भारत और विदेशों में कुल 4 लाख किलोमीटर से ज्यादा की पैदल यात्रा इस्कॉन पदयात्रा के माध्यम से पूरी की गई है। लंदन की टीम ने पिछले दिनों ये सम्मान वृंदावन में परमपूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज को सौंपा। इस अवसर पर लोकनाथ स्वामी महाराज ने कहा कि जब तक शरीर साथ देगा, तब तक वे पदयात्रा करते रहेंगे और कृष्ण नाम का प्रचार करते रहेंगे। लोकनाथ स्वामी महाराज 1984 से पदयात्रा कर रहे हैं। अभी तक वे दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में पदयात्रा कर चुके हैं। 76 वर्ष की उम्र में भी लोकनाथ स्वामी महाराज लगातार पदयात्रा पर हैं और हरिनाम संकीर्तन के माध्यम से लोगों को कृष्ण भक्ति से जोड़ रहे हैं। रोज 20 किलाेमीटर चलते हैं इस्कॉन पदयात्रा में लोकनाथ स्वामी रथ पर भगवान कृष्ण और बलराम के अवतार गौर निताई को लेकर सड़क मार्ग पर चलते हैं। रथ पर भगवान होते हैं और भक्त पैदल चलते हुए हरिनाम संकीर्तन करते हैं। रोज करीब 15-20 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं। शाम होने पर नजदीक के कस्बे या गांव में आराम करते हैं। इस दौरान वे रात में उस गांव में कथा, कीर्तन, प्रसाद और ग्रंथों बांटते हैं। इंजीनियरिंग स्टूडेंट से संत की असाधारण यात्रा लोकनाथ स्वामी महाराज का जन्म 1949 में महाराष्ट्र के छोटे से कस्बे अरावडे में हुआ था। 1971 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उनकी भेंट इस्कॉन के संस्थापकाचार्य कृष्णकृपामूर्ति एसी भक्तिवेदांत श्रील प्रभुपाद से मुंबई में हुई। लोकनाथ स्वामी उस समय 22 साल के थे। हरे कृष्ण आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने 1972 में श्रील प्रभुपाद से दीक्षा ग्रहण की। यही वह मोड़ था, जिसने उनके जीवन की दिशा हमेशा के लिए बदल दी। 26 वर्ष की आयु में, वर्ष 1975 में, उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग कर संन्यास ग्रहण किया। पूरा जीवन भगवान कृष्ण की भक्ति और उनके नाम के प्रचार के लिए समर्पित कर दिया। यही युवा आगे चलकर पूरी दुनिया में परमपूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज के नाम से पहचाना गया। लोकनाथ स्वामी को उनके गुरु प्रभुपादजी ने बैलगाड़ी से गांव-गांव में जाकर कृष्ण भक्ति का प्रचार करने का आदेश दिया। इसके बाद वे पदयात्रा करते रहे, जो बीच में ब्रेक भी हुई। इसके बाद 1984 से लोकनाथ स्वामी ने फिर पदयात्रा शुरू की, जो आज दिन तक भी भंग नहीं हुई है। इसके अलावा लोकनाथ स्वामी महाराज इस्कॉन के संन्यासी और दीक्षा गुरु हैं। दुनियाभर में उनके दस हजार से शिष्य हैं। दुनियाभर में चल रही हैं पदयात्राएं 1984 में शुरू हुई ऑल इंडिया पदयात्रा के बाद लोकनाथ स्वामी के नेतृत्व में कई पदयात्राएं शुरू की गई हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय इस्कॉन पदयात्रा, महाराष्ट्र पदयात्रा, यूपी पदयात्रा, ओडिशा पदयात्रा, तमिलनाडु-आंध्र पदयात्रा, पंजाब-हिमाचल पदयात्रा, इटली पदयात्रा, फ्रांस पदयात्रा, स्पेन पदयात्रा समेत दुनिया के कई देशों में पदयात्राएं शामिल हैं।
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