इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भदोही जनपद के ज्ञानपुर से पूर्व विधायक विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा को सशर्त जमानत दे दी है। विष्णु मिश्रा दुष्कर्म पीड़िता को धमकी देने के एक गंभीर मामले में आगरा जेल में बंद थे। न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश सुनाया, जिसके बाद मामले को लेकर चर्चा फिर तेज हो गई है। यह मामला वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र से जुड़ा है। यहां 13 सितंबर 2021 को एक महिला ने मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया कि विजय मिश्रा, उनके बेटे विष्णु मिश्रा, बेटियां रीमा पांडे और सीमा पांडेय सहित कुल 12 लोगों ने उसे जान से मारने की धमकी दी और हत्या का प्रयास किया। महिला ने सामूहिक दुष्कर्म के गंभीर आरोप भी लगाए। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि मुकदमा दर्ज कराने के बाद आरोपियों ने उसके घर में घुसकर बयान बदलने और मामले में सुलह करने के लिए दबाव बनाया तथा धमकी दी। इस प्रकरण में विष्णु मिश्रा 24 जुलाई 2022 से जेल में बंद थे। विष्णु मिश्रा की ओर से अप्रैल 2025 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीसरी जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। इससे पहले, उनकी पहली जमानत अर्जी 30 अक्तूबर 2023 को और दूसरी 3 मार्च 2025 को खारिज हो चुकी थी। तीसरी अर्जी पर सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि विष्णु मिश्रा निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक व व्यक्तिगत कारणों से झूठे मामले में फंसाया गया है। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि घटना के लगभग नौ महीने बाद प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसका कोई संतोषजनक कारण नहीं बताया गया। शिकायतकर्ता महिला की ओर से पेश अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया और तर्क दिया कि यदि आरोपी को जेल से रिहा किया जाता है, तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता की गवाही पहले ही ट्रायल कोर्ट में दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में न्यायालय ने इसे जमानत का उपयुक्त मामला मानते हुए आदेश पारित किया।
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