प्रयागराज में साइबर ठगी के चार अलग-अलग मामलों में कुल 50.30 लाख रुपये की ठगी की वारदात सामने आई है। चारों पीड़ितों ने साइबर थाना पुलिस में तहरीर देकर बताया कि विभिन्न तरीकों से उन्हें निवेश, इंश्योरेंस और मोटे मुनाफे के नाम पर ठगा गया। पुलिस ने सभी मामलों में अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानिए कौन से चार मामले और कैसे की गई ठगी… अधिवक्ता से 9 लाख की ठगी
बेली रोड निवासी अधिवक्ता ने सितंबर में यूट्यूब पर नुवामा वेल्थ ग्रुप के नाम से विज्ञापन देखा। लिंक क्लिक करते ही उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया गया, जहां रोजाना बड़े मुनाफे के फर्जी स्क्रीनशॉट शेयर किए जाते थे। ठगों ने एक लिंक भेजकर मोबाइल में ऐप डाउनलोड कराया, केवाईसी के नाम पर आधार विवरण ले लिया और नकली ट्रेडिंग अकाउंट बनवा दिया। चार बैंक खातों में रकम डालने को कहकर अधिवक्ता से कुल 9 लाख रुपये जमा करा लिए। निकासी की कोशिश पर दोबारा 9 लाख रुपये जमा करने का दबाव बनाया गया, तब जाकर उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इंश्योरेंस पॉलिसी अपडेट के नाम पर 14.19 लाख का शिकार
झूंसी निवासी अनिरबन बसु को एक कॉल आया, जिसमें ठग ने खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि उनकी दो पुरानी पॉलिसियों में तकनीकी दिक्कत है जिसे ठीक करने के लिए नेफ्ट से रकम भेजनी होगी। दिए गए खाते में पैसे भेजने के बाद पता चला कि वह किसी निजी व्यक्ति का बैंक अकाउंट था। कुल 14.19 लाख रुपये निकल चुके थे। अनिरबन ने बैंक ट्रांजैक्शन और कॉल डिटेल्स पुलिस को दे दी हैं। शेयर मुनाफे का झांसा देकर 8.72 लाख की ठगी
धूमनगंज के सुलेमसराय निवासी अरविंद पांडेय को 28 मई को एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को एशियन मार्केट सिक्योरिटी लिमिटेड का प्रतिनिधि बताया। उसने मुनाफे-नुकसान के स्क्रीनशॉट भेजकर भरोसा दिलाया और 30 मई को 10 हजार रुपये लेकर डीमैट अकाउंट खोलवा दिया। धीरे-धीरे भरोसा बढ़ाकर अरविंद से कुल 8.72 लाख रुपये निवेश करवा लिए गए। निकासी की कोशिश करने पर पता चला कि पूरा सेटअप फर्जी था और रुपये निकल नहीं सके। ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच देकर 18.39 लाख उड़ाए
कालिंदीपुरम निवासी विजय महेंद्र को कई दिनों तक लगातार फोन कर शेयर ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा देने का दावा किया गया। लगातार बातों और भरोसा जीतने की तरकीबों से ठगों ने उनसे कुल 18.39 लाख रुपये विभिन्न खातों में जमा करा लिए। जब विजय ने अपने पैसे वापस मांगे तो कॉल करने वाले ने फोन बंद कर दिया और संपर्क पूरी तरह समाप्त हो गया। विजय ने सभी मोबाइल नंबर पुलिस को दिए हैं। एफआईआर दर्ज, पुलिस ने ठगों की तलाश तेज की
चारों शिकायतों के आधार पर साइबर थाना पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस मोबाइल नंबरों, बैंक खातों और डिजिटल ट्रांजैक्शन की मदद से गिरोह की पहचान करने में जुटी हुई है।
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