इटावा जिले की ताखा तहसील से मतदाता सूची में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे नाम अलग अलग ग्राम पंचायतों में दर्ज कराए गए। इस मामले में दो प्रधान, दो सचिव, चार बीएलओ समेत 11 लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला सामने आते ही इटावा प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस के साथ साथ पंचायत राज विभाग ने भी गहन जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि मतदाता सूची और परिवार रजिस्टर में हेरफेर कर चुनाव लड़े गए और प्रधान पद हासिल किया गया। यह खेल वर्ष 2010 से चल रहा था। भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक नंदन जाटव की शिकायत पर यह पूरा मामला उजागर हुआ। उन्होंने डीपीआरओ और एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि कूटरचित दस्तावेजों के सहारे वोटर लिस्ट और परिवार रजिस्टर में नाम बदलवाकर एक ही परिवार के लोग अलग अलग पंचायतों से प्रधान बनते रहे। ब्लाक ताखा की ग्राम पंचायत कुदरैल से जिलेदार सिंह प्रधान हैं जबकि उनके बेटे संजीव कुमार नगरिया खनाबांध से प्रधान हैं। जांच में सामने आया कि संजीव कुमार ने गलत अभिलेखों के आधार पर अपना नाम कुदरैल ग्राम पंचायत में भी दर्ज करा लिया था। इस पर कुदरैल के पंचायत सचिव धीरेंद्र को निलंबित कर दिया गया। एसएसपी के निर्देश पर की गई पुलिस जांच के बाद कुदरैल के प्रधान जिलेदार सिंह, उनकी पत्नी, बेटे संजीव कुमार, बहू, पूर्व प्रधान विनीता, अन्य परिजन, दो पंचायत सचिव और चार बीएलओ सहित 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष बलराज भाटी ने बताया कि सभी आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है। वहीं प्रधान संजीव कुमार का कहना है कि जिस पंचायत में परिवार रहता है, वहां नियमानुसार आवेदन देकर नाम जुड़वाया गया था। पंचायत सचिवों ने भी दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई की बात कही है। सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी रोहित कुमार ने बताया कि शिकायत के बाद विभागीय जांच कराई गई है। गलत तरीके से परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज करने के मामले में एक सचिव को निलंबित किया गया है और अन्य पहलुओं की जांच अभी जारी है।
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