इटावा जंक्शन पर घने कोहरे ने ट्रेन सेवाओं को बुरी तरह ठप कर दिया। पिछले दो दिनों से कोहरे की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन सोमवार सुबह घना कोहरा छाने से 120-130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेनें महज 60 किलोमीटर प्रति घंटे पर रेंगने लगीं। नतीजा यह हुआ कि दो ट्रेनें पूरी तरह कैंसिल हो गईं और 20 से अधिक ट्रेनें 1 घंटे से लेकर 8:30 घंटे तक की देरी से पहुंचीं। जानकारी के मुताबिक ठंडी सर्द हवाओं में प्लेटफॉर्म, वेटिंग हॉल और सर्कुलेटिंग एरिया पर ठिठुरते यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। दिसंबर का आधा महीना बीत चुका है, लेकिन अब कोहरे का प्रकोप तेज हो गया। पहले से ही कैंसिलेशन और लेटलतीफी का सिलसिला चल रहा था, जो अब चरम पर पहुंच गया। रात को आने वाली ट्रेनें सबसे ज्यादा प्रभावित रहीं। सुबह 10 बजे धूप निकलने पर यात्रियों ने राहत की सांस ली और प्लेटफॉर्म्स व सर्कुलेटिंग एरिया में धूप सोखने लगे। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा तकलीफ झेलनी पड़ी, जो ठंड में कांपते नजर आए।सोमवार को गाड़ी संख्या 15484 डाउन महानंदा एक्सप्रेस और गाड़ी संख्या 12505 अप नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस पूरी तरह कैंसिल रहीं। वहीं अन्य प्रमुख ट्रेनें इस तरह लेट पहुंचीं – ऊंचाहार एक्सप्रेस (14218) 4 घंटे 49 मिनट, दौराई गोंडा एक्सप्रेस (19603) 8 घंटे 27 मिनट, शिकोहाबाद-कानपुर पैसेंजर (64632) 2 घंटे 34 मिनट, वंदे भारत एक्सप्रेस (20176) 1 घंटे 15 मिनट, इंटरसिटी एक्सप्रेस (12180) 2 घंटे 50 मिनट, नाहर गुन हापा एक्सप्रेस (09526) 8 घंटे, अवध एक्सप्रेस (19038) 2 घंटे 36 मिनट, इटावा-टूंडला पैसेंजर (64627) 40 मिनट, गाजीपुर-बांद्रा एक्सप्रेस (20942) 1 घंटे 58 मिनट, मगध एक्सप्रेस (20801) 1 घंटे 43 मिनट, शताब्दी एक्सप्रेस (12033) 1 घंटे 10 मिनट, मैनपुरी-आगरा पैसेंजर (64627) 1 घंटे 30 मिनट, गोविंदपुरी-अलीगढ़ सुपरफास्ट मेमू (04180) करीब 1 घंटा, ग्वालियर-इटावा पैसेंजर (64614) करीब 1 घंटा, कानपुर-टूंडला पैसेंजर (64603) 50 मिनट, इटावा-ग्वालियर पैसेंजर (64642) 1 घंटे 10 मिनट तथा इटावा-टूंडला पैसेंजर (64605) 1 घंटे 15 मिनट।
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