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इटावा में एक साथ एक ही परिवार की 3 आर्थिया:बरेली हाईवे पर हादसे का शिकार हुए माता-पिता और बच्चा, गांव में मची चीख-पुकार

इटावा में एक ही परिवार की एक साथ तीन आर्थिया उठी। मासूम बच्ची के सामने शिक्षा, पालन-पोषण की समस्या। ग्रामीणों ने प्रशासन से बच्ची के लिए आर्थिक सहायता की मांग उठाई। जिले के चौबिया थाना क्षेत्र के बरेली हाईवे पर रविवार देर शाम हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे जिले को दहला दिया। चौबिया थाना क्षेत्र के बरालोकपुर पशु मेला के पास तेज रफ्तार कार ने सामने से आ रही बाइक को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि बाइक सवार दंपति और उनके नौ वर्षीय बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद सोमवार शाम जब एक ही घर के तीनों शव गांव पहुंचे तो परिजनों के साथ पूरा गांव चीख-पुकार से गूंज उठा। मोहब्बतपुर निवासी राजू उर्फ कल्लू राजपूत (37) पुत्र वृंदावन, उसकी पत्नी प्रीति (33) और बेटा प्रांशु उर्फ गगन (9) रविवार सुबह बाइक से फर्रुखाबाद जिले के गझियापुर स्थित ससुराल गए थे। शाम को लौटते समय बरालोकपुर के पास सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि बाइक और कार दोनों अनियंत्रित होकर करीब दस फीट नीचे खड्ड में जा गिरे। हादसे के बाद हाईवे पर अफरा-तफरी मच गई।राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां तीनों की गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। डॉक्टरों ने एक के बाद एक तीनों को मृत घोषित कर दिया। हादसे में कार सवार औरैया जनपद के पिपरोलिया निवासी राजेंद्र सिंह, ऊसराहार क्षेत्र के कुइता सरैया निवासी महेश कुमार व उनकी पत्नी मिथिलेश देवी भी घायल हुए। राजेंद्र को मेडिकल कॉलेज भेजा गया है, जबकि महेश और उनकी पत्नी का उपचार सीएचसी में चल रहा है। पुलिस ने दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।मृतक राजू चार भाइयों में सबसे छोटा था। परिवार के अनुसार उसके तीन बड़े भाई अजय पाल, विनोद और अवनीश की मृत्यु पहले ही बीमारी के चलते हो चुकी थी। अब राजू की असमय मौत से पूरा परिवार सहारा विहीन हो गया। राजू की 12 वर्षीय बेटी प्रिया का रो-रोकर बुरा हाल है। मासूम बार-बार मां-बाप और भाई के शवों से लिपटती रही तो पूरे गांव का कलेजा कांप उठा।राजू मजदूरी करने के साथ गांव के बाहर गोपाल मंदिर के पास पंचर की दुकान चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता था। उसके निधन से परिवार आर्थिक रूप से भी संकट में आ गया है। सोमवार शाम पोस्टमॉर्टम के बाद एक साथ तीनों शव गांव पहुंचे। अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और परिजन उमड़ पड़े। पूरे गांव में मातम पसर गया। रोने-चीखने की आवाज़ से माहौल गमगीन हो उठा। बाद में तीनों शवों को एक साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।परिवार और ग्रामीणों ने प्रशासन से दुर्घटना में मृत दंपति की 12 वर्षीय बेटी की शिक्षा और गुजर के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है।


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