इटावा में दिन के समय डीएम चौराहा स्थित अटल पथ पर स्थापित की गई पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की मूर्ति के स्वरूप को लेकर विवाद सामने आया है। भाजपा नेता शरद बाजपेई अपने दर्जनों समर्थकों के साथ अनशन पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि मौजूदा मूर्ति का स्वरूप अटल जी की गरिमा के अनुरूप नहीं है और इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। रविवार सुबह 11 बजे अनशन पर बैठे भाजपा नेता शरद बाजपेई का कहना है कि अटल बिहारी वाजपेई की मूर्ति यदि सावधान मुद्रा में हो तो वह बेहतर लगेगी। वर्तमान में जो मुद्रा स्थापित की गई है वह आकर्षक नहीं दिखती और जनता की भावना के अनुरूप नहीं है। इसी मांग को लेकर उन्होंने अनशन शुरू किया है। 5 तस्वीरें देखिए… प्रशासन की भूमिका पर सवाल शरद बाजपेई ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में इटावा के जिलाधिकारी को प्रत्यावेदन सौंपा है। इसके बावजूद अब तक मूर्ति के स्वरूप में बदलाव को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसी वजह से वह प्रशासन के रवैये से नाराज हैं और आंदोलन का रास्ता अपनाया है। उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन से पहले मूर्ति का अनावरण प्रस्तावित है। लेकिन जब तक मूर्ति के स्वरूप में बदलाव नहीं किया जाता, तब तक वे अनावरण का विरोध करते रहेंगे और अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग भाजपा नेता शरद बाजपेई ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अटल जी करोड़ों लोगों की भावना हैं और उनकी प्रतिमा सम्मानजनक स्वरूप में ही स्थापित होनी चाहिए। शरद बाजपेई ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह अपने परिवार के सदस्यों को भी अनशन पर बैठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर वह अपने प्राण त्यागने को तैयार हैं लेकिन मौजूदा मुद्रा में लगी मूर्ति का अनावरण नहीं होना चाहिए।
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