इटावा जंक्शन पर बिना घने कोहरे के ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। दो प्रमुख ट्रेनें कैंसिल कर दी गईं जबकि एक दर्जन से अधिक ट्रेनें घंटों की देरी से पहुंचीं। सर्द हवाओं में यात्रियों को स्टेशन पर लंबा इंतजार करना पड़ा। हालांकि कोहरा न होने के बावजूद ठंड का असर दिखाई दिया। बिना घने कोहरे के ट्रेनें कैंसिल हो रही हैं और लेटलतीफी का सिलसिला जारी है। सर्द हवाओं के बीच यात्री जंक्शन पर घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं। बीते शुक्रवार को नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12506) और महानंदा एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 15484) कैंसिल रहीं, जबकि 12 से अधिक ट्रेनें एक से चार घंटे की देरी से पहुंचीं।दिसंबर की शुरुआत से ही ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। घना कोहरा न होने और तेज सर्दी न पड़ने के बावजूद रेल यातायात प्रभावित हो रहा है। 4 तस्वीरें देखिए… दो प्रमुख ट्रेनों के कैंसिल होने से यात्रियों को भारी परेशानी हुई। वेटिंग हॉल और सर्कुलेटिंग एरिया में बैठे यात्री ठंडी हवाओं का सामना करते हुए ट्रेनों का इंतजार करते नजर आए। लेट पहुंची प्रमुख ट्रेनों में कालका नेताजी एक्सप्रेस (12312) 2 घंटे देरी से, मुरी एक्सप्रेस (18310) डेढ़ घंटे देरी से, मगध एक्सप्रेस (20801) 2 घंटे 29 मिनट देरी से, मरुधर एक्सप्रेस (14854) 3 घंटे 51 मिनट देरी से, वैशाली एक्सप्रेस (15565) 2 घंटे 39 मिनट देरी से, कोटा पटना एक्सप्रेस (13238) 1 घंटे 18 मिनट देरी से, अवध एक्सप्रेस (19038) 1 घंटे 38 मिनट देरी से, अप मरुधर एक्सप्रेस (14865) 1 घंटे 46 मिनट देरी से तथा पूर्वा एक्सप्रेस (12381) 1 घंटे 15 मिनट देरी से जंक्शन पर पहुंचीं। इनके अलावा अन्य ट्रेनें भी देरी से आईं। लेट ट्रेनों के आने के बाद ही यात्रियों को राहत मिली। रेलवे प्रशासन ने देरी के कारणों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि रखरखाव कार्य और सिग्नलिंग समस्याएं इसका कारण हो सकती हैं। यात्रियों ने बताया कि सुविधाओं की कमी के कारण परेशानी और बढ़ जाती है। यात्री ने कहा, ट्रेन कैंसल होने की सूचना पहले मिल जाती तो हम वैकल्पिक इंतजाम कर लेते।
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