उन्नाव में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निकट एक ढाबे पर अवैध शराब बिक्री की सूचना पर पहुंची पुलिस की कार्रवाई बड़े विवाद में बदल गई। इस घटना के बाद मंगलवार को पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। आरोप है कि छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने ढाबा संचालक, उसकी पत्नी, बेटों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की, वहीं पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की बात सामने आई है। यह घटना रविवार देर रात हरदोई मार्ग स्थित एक्सप्रेस-वे के पास एक ढाबे पर हुई। प्रभारी निरीक्षक अनुराग सिंह पुलिस बल के साथ अवैध शराब बिक्री की शिकायत पर वहां पहुंचे थे। उन्होंने ढाबा संचालक अवधेश कटियार निवासी मुर्तजापुर को ढाबा बंद करने का निर्देश दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, कार्रवाई शुरू होते ही संचालक पक्ष और पुलिस टीम के बीच नोकझोंक बढ़ने लगी। इसी दौरान कई उपनिरीक्षक और आरक्षी भी मौके पर पहुंच गए, जिससे तनाव और बढ़ गया। ढाबा संचालक अवधेश कटियार का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के लाठियां चलानी शुरू कर दीं। उनके मुताबिक, पुलिस की मारपीट में उनके परिवार के सदस्य बुरी तरह घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने घटना के दौरान के कुछ वीडियो और फोटो बनाए हैं, जिनमें मारपीट के बाद का माहौल और तोड़फोड़ साफ दिखाई दे रही है। संचालक परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने ढाबे में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और गल्ले में रखी नकदी भी उठा ले गई। मारपीट के बाद पुलिस ने ढाबा संचालक अवधेश कटियार, उनके दो बेटों और एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया। उन्हें कोतवाली ले जाकर हवालात में बंद कर दिया गया। सोमवार सुबह चारों के खिलाफ शांतिभंग की धारा में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई। इस घटना की खबर फैलते ही आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों और स्थानीय व्यापारियों में भारी आक्रोश फैल गया। लोग पुलिस पर अकारण बल प्रयोग और परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहे हैं। दूसरी ओर, पुलिस का दावा है कि छापेमारी के दौरान ढाबा संचालक और उसके पुत्रों ने पुलिस टीम से हाथापाई की थी।
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