अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के बड़े नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई का दायरा लखनऊ तक पहुंच गया है। कोलकाता जोनल ऑफिस की टीम ने यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अनुराग द्विवेदी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये की संपत्ति, लग्जरी कारें, नकदी और अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। जांच में दुबई में हवाला के जरिए निवेश और मनी लॉन्ड्रिंग के ठोस संकेत मिले हैं। लखनऊ समेत 10 ठिकानों पर एक साथ रेड ईडी ने 19 दिसंबर को लखनऊ, उन्नाव और दिल्ली में एक साथ कुल 10 परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया। इनमें लखनऊ के कई ठिकाने शामिल थे, जो सीधे तौर पर अनुराग द्विवेदी और उससे जुड़ी कंपनियों से जुड़े बताए जा रहे हैं। यह कार्रवाई अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई। लैम्बॉर्गिनी समेत 4 लग्जरी कारें और नकदी जब्त छापेमारी के दौरान ईडी ने चार हाई-एंड कारें जब्त कीं। इनमें 4 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली लैम्बॉर्गिनी उरुस, मर्सिडीज, फोर्ड एंडेवर और थार शामिल हैं। इसके अलावा करीब 20 लाख रुपये नकद, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए गए हैं। हवाला से दुबई में रियल एस्टेट निवेश ईडी को मिले दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि अनुराग द्विवेदी ने हवाला चैनलों के जरिए दुबई में रियल एस्टेट में निवेश किया। जांच एजेंसी ने बीमा पॉलिसी, एफडी और बैंक खातों में जमा करीब 3 करोड़ रुपये की चल संपत्तियों को पीएमएलए 2002 के तहत फ्रीज कर दिया है। इन खातों में लखनऊ से जुड़े लेनदेन की भी जांच चल रही है। पश्चिम बंगाल की FIR से खुला सट्टेबाजी नेटवर्क ईडी ने जांच पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। जांच में सामने आया कि सिलीगुड़ी से सोनू कुमार ठाकुर और विशाल भारद्वाज टेलीग्राम चैनलों, म्यूल बैंक खातों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी पैनल संचालित कर रहे थे। यह नेटवर्क लखनऊ समेत कई शहरों तक फैला हुआ था। सोशल मीडिया से सट्टा ऐप्स का प्रचार ईडी की जांच में पाया गया कि अनुराग द्विवेदी अवैध ऑनलाइन सट्टा ऐप्स के प्रचार में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। वह प्रमोशनल वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित करता था, जिससे लखनऊ समेत देशभर के युवा इन प्लेटफॉर्म पर सट्टा लगाने के लिए प्रेरित हुए। बदले में उसे हवाला और म्यूल अकाउंट्स के जरिए भारी रकम मिली। परिवार और कंपनियों के खातों में संदिग्ध लेनदेन जांच में यह भी सामने आया है कि अनुराग द्विवेदी की कंपनियों और उसके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में बड़ी मात्रा में पैसा जमा हुआ, जिसका कोई वैध व्यावसायिक आधार नहीं मिला। इसी अवैध कमाई का इस्तेमाल विदेश में संपत्ति खरीदने में किया गया। दुबई में बैठा आरोपी, समन की अनदेखी ईडी के अनुसार अवैध कमाई के बाद अनुराग द्विवेदी भारत छोड़कर दुबई चला गया और फिलहाल वहीं रह रहा है। उसे कई बार समन भेजे गए, लेकिन वह अब तक जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ। अब तक 3 गिरफ्तार, 23.7 करोड़ की संपत्ति अटैच ईडी इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। 1 अगस्त 2025 को कोलकाता स्थित विशेष पीएमएलए कोर्ट में अभियोजन शिकायत दाखिल की जा चुकी है। इससे पहले एजेंसी करीब 23.7 करोड़ रुपये की चल संपत्तियों को फ्रीज और अटैच कर चुकी है। ईडी का कहना है कि लखनऊ कनेक्शन समेत पूरे नेटवर्क की जांच जारी है और आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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