इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वित्त विभाग के अधिकारियों द्वारा पहले से लिखा आदेश कॉपी पेस्ट करने पर नाराज़गी जताई है। साथ ही वित्त सचिव को इस मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।मेरठ की फर्म एडबुलेवार्ड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने फर्म के अधिवक्ता को सुनकर दिया है। एडवोकेट का कहना था कि जीएसटी की अपील पर आदेश करते समय मेरठ के अपर आयुक्त (ग्रेड-2) प्रथम द्वारा किसी और प्रकरण के तथ्य कॉपी पेस्ट कर दिए गए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि याची द्वारा आईटीसी रिफंड का दावा निरस्त करने के विरुद्ध अपील दाखिल की गई थी, जिसे निरस्त करते समय मेरठ के अपर आयुक्त (ग्रेड-2) प्रथम ने संबंधित मामले की बजाय किसी अन्य मामले के तथ्य कॉपी-पेस्ट कर रिफंड निरस्तीकरण को बरकरार रखा। जबकि रिफंड निरस्तीकरण आदेश भी बिना कोई कारण दर्ज किए एवं बिना हस्ताक्षर के किया गया था। उन्होंने कहा कि अपीलीय प्राधिकारी ने याची के किसी भी कानूनी तर्क पर कोई संज्ञान न लेते हुए मनमाना आदेश कर दिया। हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया जीएसटी विभाग के अधिकारियों की संपूर्ण कार्यवाही को न्यायिक बुद्धि एवं विवेक के अभाव में पाते हुए प्रदेश के वित सचिव एवं राज्य कर आयुक्त समेत संबंधित अधिकारी को दो सप्ताह में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
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