रामपुर में पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के पासपोर्ट मामले में अदालत जल्द फैसला सुना सकती है। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में इस मामले की अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। कोर्ट शीघ्र निर्णय जारी करेगा। यह मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की तहरीर पर सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ था। आरोप है कि अब्दुल्ला आजम ने अलग-अलग जन्मतिथि के आधार पर दो पासपोर्ट बनवाए और इनमें से एक में दर्शाई गई जन्मतिथि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दर्ज कराई गई। एफआईआर के अनुसार पहले पासपोर्ट में जन्मतिथि- 1 जनवरी 1993 दर्ज है। वहीं दूसरे पासपोर्ट में जन्मतिथि- 30 सितंबर 1990 दर्ज है। अब्दुल्ला आजम इस मामले में एकमात्र आरोपी हैं। उनके खिलाफ 9 सितंबर 2021 को आरोप तय किए जा चुके हैं। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज कराए हैं, जिनमें दो जन्मतिथियों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने के आरोप शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। उन्होंने प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा। जिसमें मुकदमा समाप्त होने के बाद भी प्राथमिकी रद्द करने से इनकार किया गया था। निचली अदालत के लिए महत्वपूर्ण टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत हाई कोर्ट के आदेश से प्रभावित हुए बिना, उपलब्ध सबूतों के आधार पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लेगी।
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