आजमगढ़ में हत्या के एक मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने चार आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक आरोपी पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अदालत ने जुर्माने की कुल राशि का 80 प्रतिशत मृतक की पत्नी और पुत्री को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश दिया है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय ने बुधवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, वादिनी मीरा निवासी ग्राम हरडिया (देवडीह वसरिका), थाना अतरौलिया के पिता रामसरित का गांव के ही रामबरन आदि से रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते 16 जनवरी 2019 की रात करीब दो बजे, जब वादी के परिवार के सभी लोग घर में सो रहे थे, तभी गांव के रामबरन, कालीचरण, रामकेश और अरविंद (निवासी फुलवारी, थाना जैतपुर, जिला अंबेडकरनगर) हथियारों से लैस होकर घर में घुस आए। आरोपियों के पास तलवार, कुल्हाड़ी और बांका जैसे घातक हथियार थे। हमलावरों ने मीरा, उसके पिता रामसरित और मां प्रेमा पर जानलेवा हमला किया। इस दौरान रामसरित की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मीरा और उसकी मां प्रेमा गंभीर रूप से घायल हो गईं। 13 गवाहों ने दी गवाही
पुलिस ने मामले की विवेचना पूरी कर सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी और दीपक कुमार मिश्रा ने वादिनी मीरा सहित कुल 13 गवाहों को अदालत में पेश कर उनका परीक्षण कराया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी रामबरन, कालीचरण, रामकेश और अरविंद को दोषी ठहराते हुए सश्रम आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
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