आजमगढ़ में पराली और फसल अवशेष जलाने पर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए 37 किसानों पर कुल 92,500 रुपए का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई डीएम रविंद्र कुमार के निर्देश पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के नियमों के उल्लंघन के तहत की गई। सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं तहसील बूढ़नपुर और मेंहनगर में 12-12 दर्ज हुईं। इसके अलावा लालगंज और सगड़ी में 5-5, तथा निजामाबाद, सदर और फूलपुर में 1-1 घटनाएं सामने आईं। वहीं, मार्टिनगंज तहसील में एक भी घटना दर्ज नहीं हुई। कृषि विभाग लगातार पराली, गन्ने की पत्ती और कूड़ा–कचरा न जलाने के लिए किसानों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक कर रहा है। इसके बावजूद नियमों का पालन न करने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। मुख्य रूप से दो किसानों पर 5,000-5,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है— बाकी 35 किसानों पर 2,500-2,500 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। वसूली गई धनराशि संबंधित राजकोष में जमा कराई जा रही है। निर्देश के बाद भी मनमानी उप कृषि निदेशक आशीष कुमार द्वारा बताया गया कि फसल की कटाई किये जाने पर दोषियों के विरुध सीजर एवं अर्थदण्ड की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। डीएम द्वारा जनपद तहसील, विकास खण्ड और ग्राम स्तर पर गठित समितियो को सक्रिय करते हुए निरन्तर क्षेत्र में चक्रमण कर जनपद के किसानों को पराली एवं कूड़ा अपशिष्ट जलाये जाने से होने वाली हानियों यथा मृदा और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव के प्रति जागरुक किये जाने के निर्देश दिये गये। कृषि विभाग आजमगढ़ द्वारा समस्त विकास खण्डो में सहायक विकास अधिकारी (कृषि) द्वारा फार्मर रजिस्ट्री के कैम्पो में बैनर लगाकर कृषकों को जागरुक किया जा रहा है। बावजूद इसके जिले में लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं।
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