आजमगढ़ ने क्रिसमस को लेकर शहर में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसी कड़ी में शहर के सिविल लाइन स्थित चर्च में भी विशेष तैयारियां की गई हैं। ईसाई समाज के लोगों का कहना है कि जिस तरह भारत में दीपावली रोशनी का, होली रंगों का, रक्षा बंधन भाई-बहन के प्रेम का और ईद आपसी भाईचारे का संदेश देती है। ठीक उसी तरह क्रिसमस प्रेम और करुणा का प्रतीक है। इस दिन प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस को मनाया जाता है। जिन्हें ईश्वर का पुत्र माना जाता है। पवित्र बाइबिल के अनुसार, ईश्वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उन्होंनें अपना एकमात्र पुत्र मानव कल्याण के लिए पृथ्वी पर भेजा। प्रभु यीशु मसीह ने अपने जीवन और शिक्षाओं के माध्यम से प्रेम, त्याग और मानवता का मार्ग दिखाया। उन्होंने अंधकार में जी रहे लोगों को ज्योति का रास्ता दिखाया और सिखाया कि बिना प्रेम के जीवन अधूरा है। क्रिसमस इसी प्रेम के दान का उत्सव है, जो ईश्वर ने मानवता को दिया। होगी विशेष प्रार्थना सभा क्रिसमस के अवसर पर चर्च में विशेष प्रार्थनाएं होंगी। कैरल गीत गाए जाएंगे, जिनमें प्रभु यीशु के जन्म का संदेश होगा। क्रिसमस के त्योहार को लेकर ईसाई समाज में बहुत ही उत्साह रहता है। यही कारण है कि इस त्यौहार को धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों और युवाओं द्वारा छोटा नाटक प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें यीशु मसीह के जन्म की कथा दिखाई जाएगी। इसके साथ ही देश, समाज और पूरे विश्व में शांति, अमन के लिए प्रार्थना की जाएगी।
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