आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा के पास और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट) पर रम्बल स्ट्रिप लगाई जाएंगी, जिससे वाहनों की रफ्तार नियंत्रित हो सके और हादसों में कमी लाई जा सके। यह निर्णय एक्सप्रेसवे पर हुए एक गंभीर सड़क हादसे के बाद यूपीडा और प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में लिया गया। बैठक में एक्सप्रेसवे की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तकनीकी और व्यावहारिक उपायों को प्राथमिकता देने पर सहमति बनी। अधिकारियों ने एक्सप्रेसवे के सभी ब्लैक स्पॉट का सर्वेक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। पहले चरण में उन स्थानों पर रम्बल स्ट्रिप लगाई जाएंगी जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं हुई हैं या अवैध पार्किंग के कारण हादसों की आशंका रहती है। इस कार्य की शुरुआत 24 दिसंबर से होगी। एनएचएआई और यूपीडा से जुड़े इंजीनियरों के अनुसार, रम्बल स्ट्रिप चौड़े और कम ऊंचाई वाले स्पीड ब्रेकर की तरह होती हैं। ये सामान्य स्पीड ब्रेकर की तरह अचानक झटका नहीं देतीं, बल्कि वाहन के टायरों के संपर्क में आने पर कंपन और आवाज उत्पन्न करती हैं। इससे चालक स्वतः सतर्क हो जाता है और अपनी गति धीमी कर लेता है। तकनीकी विवरण के अनुसार, इन रम्बल स्ट्रिप की चौड़ाई लगभग 250 एमएम और ऊंचाई करीब एक इंच होगी। इन्हें सड़क की पूरी चौड़ाई में एक साथ छह या उससे अधिक की संख्या में बनाया जाएगा। यह व्यवस्था विशेष रूप से रात में या लंबी यात्रा के दौरान झपकी लेने वाले चालकों के लिए बेहद प्रभावी मानी जा रही है।
ब्लैक स्पॉट और टोल नाकों पर विशेष फोकस
अधिकारियों के मुताबिक, एक्सप्रेसवे पर कुछ ऐसे हिस्से हैं जहां बार-बार सड़क दुर्घटनाएं सामने आती रही हैं। इनमें टोल नाकों के पास अचानक गति कम या अधिक होना, लेन बदलने की जल्दबाजी और भारी वाहनों की अवैध पार्किंग प्रमुख कारण रहे हैं। इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए टोल प्लाजा के आसपास और चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर रम्बल स्ट्रिप लगाने का फैसला किया गया है।
इसके साथ ही अवैध पार्किंग के खिलाफ सख्ती बढ़ाई जाएगी। एक्सप्रेसवे पर खड़े भारी वाहनों, ढाबों के आसपास सड़क किनारे रुकने वाले ट्रकों और अन्य वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी ताकि दुर्घटनाओं की आशंका को कम किया जा सके।
पहले भी किए गए थे अस्थायी उपाय
गौरतलब है कि लगातार बढ़ रहे हादसों को देखते हुए पहले भी एक्सप्रेसवे पर इंटरचेंज के पास लागू किए गए डायवर्जन को दो माह के लिए समाप्त किया गया था। इसका उद्देश्य ट्रैफिक के दबाव को कम करना और दुर्घटनाओं को रोकना था। हालांकि, अब प्रशासन का मानना है कि स्थायी और प्रभावी समाधान के तौर पर रम्बल स्ट्रिप एक अहम भूमिका निभा सकती हैं। 24 दिसंबर से शुरू होगा निर्माण कार्य
अधिकारियों ने बताया कि रम्बल स्ट्रिप के निर्माण का कार्य 24 दिसंबर से शुरू कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है। पहले चरण में टोल नाकों और प्रमुख ब्लैक स्पॉट को कवर किया जाएगा। इसके बाद आवश्यकता के अनुसार अन्य हिस्सों में भी इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। निर्माण कार्य के दौरान यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए वैकल्पिक प्रबंध भी किए जाएंगे ताकि यात्रियों को असुविधा न हो।
रात और भोर में अतिरिक्त निगरानी
उन्नाव के पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश सिंह ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर हादसे रोकने के लिए यूपीडा और संबंधित विभागों के साथ मिलकर एक व्यापक योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि अवैध पार्किंग पर सख्ती के साथ-साथ रात और भोर के समय अतिरिक्त पुलिस टीमें भी तैनात की जाएंगी। इससे तेज रफ्तार, नशे में वाहन चलाने और नियमों की अनदेखी करने वालों पर नजर रखी जा सकेगी। हादसों में कमी की उम्मीद
यूपीडा और जिला प्रशासन को उम्मीद है कि रम्बल स्ट्रिप लगने के बाद एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार और लापरवाही से होने वाले हादसों में उल्लेखनीय कमी आएगी। कंपन और आवाज के जरिए चालकों को सतर्क करने वाली यह तकनीक देश के कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर पहले ही सफल साबित हो चुकी है। अब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर इसके लागू होने से यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी और यह मार्ग पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बन सकेगा।
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