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आगरा में रिटायर्ड दरोगा ने बेटी को मार डाला:मर्डर से पहले युवती ने बॉयफ्रेंड को भेजा VIDEO, बोली- परिवार वाले मार डालेंगे, बचा लो

मेरा नाम अंशु यादव है। मैं अनुराग से प्यार करती हूं। मेरे घरवाले मान नहीं रहे हैं। मैं शादी करना चाहती हूं। परिवार वाले मुझे मारना चाहते हैं। उसमें मेरा बड़ा भाई गौरव, मम्मी, पापा, छोटी बहन, गांव का रामनरेश मिले हुए हैं। यह कहते हैं पहले लड़की को मत मारो, पहले लड़के को मारो, इसलिए नहीं तो वो जेल करा देगा। इसमें बुआ और फूफा भी शामिल हैं। उनका नाम मुरारीलाल और वीना है। मैं अनुराग से शादी करना चाहती हूं…। ये वीडियो आगरा में हत्या से पहले युवती अंशु ने अपने बॉयफ्रेंड को भेजा था। युवक ने वीडियो देखा तो घबरा गया। फिर युवती ने बॉयफ्रेंड को कॉल किया। कहा- मुझे बचा सकते हो तो बचा लो। उसने रिश्तेदारों से पता कराया तो हत्या की बात सामने आई। उसे पता था कि पुलिस के पास जाएगा तो फंस जाएगा इसलिए खुद ही कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके बाद पूरे मामले का सोमवार यानी 15 दिसंबर को खुलासा हुआ। पुलिस ने युवती के पिता रणवीर सिंह, भाई गौरव और मामा सतीश को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। वहीं दो आरोपी मृतका की मां और मामी की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। अब पढ़िए पूरा मामला आगरा के थाना मलपुरा के विनायक गार्डन में रिटायर्ड दरोगा रणवीर सिंह (65) अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका पैतृक गांव फिरोजाबाद जिले के जसराना के गांव अवासी में है। उनके 5 बच्चे थे। 3 बेटी और दो बेटे। दूसरी नंबर की बेटी अंशु यादव का अपने ही गांव नगला अवाजी फिरोजाबाद के रहने वाले रिश्ते के भतीजे अनुराग से लव अफेयर था। दोनों के एक साथ पढ़ते थे और एक-दूसरे से शादी करने वाले थे। अनुराग ने बताया- मां मेरा रिश्ता लेकर अनुराग के घर भी गई थी। वहां अंशु की मां ने सहमति जताई थी। उन्होंने मुझसे भी कसम ली थी कि दोनों कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे कि समाज में बदनामी हो। वो सही समय पर दोनों की शादी कर देंगे। मैंने भी कसम दी थी। इसके बाद हम दोनों का मिलना-जुलना और बातचीत होती थी। अनुराग बोला- कुछ महीने बाद बदल गए घरवाले
अंशु के बॉयफ्रेंड अनुराग ने बताया- कुछ समय पहले अंशु के घरवालों के तेवर बदल गए थे। वो उसको बात नहीं करने देते थे। मारपीट करते थे। 24 अक्टूबर को अंशु ने मेरे मोबाइल पर एक वीडियो भेजा। इसके बाद 25 अक्टूबर की सुबह अंशु ने अपनी मां के मोबाइल से मुझे कॉल किया। उसने कहा- ये लोग मुझे मार रहे हैं। मुझे बचा सकते हो तो बचा लो। इसके बाद उसका फोन कट गया। अनुराग ने थोड़ी देर बाद कॉल बैक किया तो किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। उसकी बुआ से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। मुझे अनहोनी की आशंका हुई। मैंने अंशु की छोटी बहन का नंबर लेकर उससे बात की। कहा कि अंशु से बात कराओ लेकिन उसने नहीं कराई। इसके बाद अंशु के घरवाले 29 अक्टूबर को गांव में आकर मेरे घर पर बदतमीजी करके गए। मैंने इसकी तहरीर जसराना थाने में दी। बेटी को पेश नहीं कर सके
अनुराग ने बताया- जसराना थाने में FIR दर्ज होने के बाद SI ने मृतका के पिता को फोन कर बेटी से बात कराने को कहा तो इन्होंने कह दिया कि बेटी सुरक्षित है। अभी मामा के घर गई है। तीन-चार दिन में आएगी। मगर, इसके बाद भी बात नहीं कराई गई। पुलिस को लगातार गुमराह करते रहे। मैं आगरा के मलपुरा थाने गया तो पता चला कि आरोपियों ने बेटी की गुमशुदगी दर्ज करा दी है। हाईकोर्ट में डाली हेवियस कॉर्प्स
अनुराग को जब अंशु के बारे में पता नहीं चल पाया तो उसने कोर्ट की मदद ली। हाईकोर्ट में हेवियस कॉपर्स दाखिल की। इसमें थाना मलपुरा पुलिस को युवती को अदालत में पेश करने का आदेश हुआ। इसके बाद पुलिस एक्टिव हुई। पिता ने गला दबाया, मां ने पैर पकड़े
डीसीपी पश्चिमी जोन अतुल शर्मा ने बताया- युवती के वीडियो के आधार पर परिजनों पर शक गहराया। मृतका के माता-पिता और भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। माता-पिता गुमराह करते रहे। मगर, भाई टूट गया। उसने बताया कि 25 अक्टूबर को बहन की हत्या कर दी है। उसकी लाश को इटावा में नदी किनारे ठिकाने लगाया गया है। आरोपी रिटायर्ड दरोगा पिता ने बताया कि बेटी हमारी बात नहीं मान रही थी। वो अनुराग के साथ शादी की जिद पर अड़ी थी। अनुराग कुनबे के रिश्ते में था। ऐसे में समाज में बहुत बदनामी होती। उस दिन भी सुबह अंशु से कहासुनी हुई थी। वो बार-बार कह रही थी मार दो मुझे। बस गुस्सा आ गया। मैंने उसके दुपट्‌टे से उसका गला दबा दिया। मेरी पत्नी ने उसके पैर पकड़ लिए। बेटी की चीख सुनकर छोटा बेटा कमरे में आया था, लेकिन उसे हमने चुप कर दिया। बेटे को फोन कर कहा- हमने काम कर दिया
बेटी की हत्या के बाद आरोपी पिता ने टूंडला में रहने वाले अपने बेटे गौरव को फोन किया। उससे कहा कि हमने काम कर दिया। अब तुम संभाल लेना। इसके बाद गौरव आगरा आया। प्लानिंग के तहत कार से शव को मृतका के मामा के घर ले गए। वहां पर मामा की मदद से शव को यमुना किनारे ठिकाने लगाया। भाई गौरव सीसीटीवी रिकॉर्ड देखता रहा
हत्या के बाद मृतका का भाई मोहल्ले में लगे सीसीटीवी के बारे में जानकारी जुटाने लगा। उसने पड़ोस में लगे सीसीटीवी की फुटेज के बारे में पता किया कि डाटा कितने दिन स्टोर रहता है। जिससे अगर थाने में FIR दर्ज कराएं तो सबूत न मिल सके। ————————————-
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मेरठ में ‘भैया’ कहने पर एक डॉक्टर भड़क उठा। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) यानी BKU का एक पदाधिकारी सोमवार को अपनी बेटी का इलाज कराने डॉक्टर के पास पहुंचा था। उन्होंने डॉक्टर को भैया बोल दिया।​​​​​​​ पढ़िए पूरी खबर


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