आगरा में जीरिएट्रिक सोसायटी ऑफ इंडिया की पहली नेशनल कॉन्फ्रेंस 12 से 14 दिसंबर तक होगी। कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से लगभग 400 डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। इस कॉन्फ्रेंस की थीम एडिंग इयर्स टू लाइफ है।
आज होटल पीएल पैलेस में हुई प्रेस वार्ता में जानकारी दी गई कि वृद्धावस्था की स्वास्थ्य सम्बंधी अपनी अलग समस्याएं हैं। जीवन के अंतिम पड़ाव को मानसिक और शारीरिक रूप से कैसे स्वस्थ बनाएं रखें, इस विषय पर चर्चा के लिए कॉन्फ्रेंस हो रही है। वृद्धावस्था की बीमारियों (डिमेंशिया, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्मोन संबंधी, वैक्सीनेशन, श्वास व न्यूरो सम्बंधी, अस्थना, थॉयरॉयड आदि) समस्याओं के कारण और निवारण पर मंथन होगा।
होटल क्लार्क शिराज में 12 दिसंबर की दोपहर से शुरू हो रही कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ उप्र के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय 13 दिसंबर को करेंगे। अध्यक्षता पद्मश्री डॉ. जीके हाजरा करेंगे। एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. प्रशान्त गुप्ता चीफ गेस्ट के रूप में रहेंगे।
डॉ. सुनील बंसल ने बताया कि वर्कशॉप में देश के लगभग 75 पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी जीरिएट्रिक कोर्स की प्रेक्टीकल ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट प्राप्त करेंगे। कार्यशाला में पांच साइंटिफिक सेशन के अलावा ओरेशन व चार वर्कशॉप भी आयोजित की जाएंगी। 12 दिसंबर को सोसायटी की सारकोपीडिया (मांसपेशियों की कमजोरी) की इंडियन गाइड लाइन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ व सचिव डॉ.ओपी शर्मा जारी करेंगे।
कार्यशाला में प्रतिनिधियों के लिए उप्र मेडिकल काउंसिल ने 6 क्रेडिट घंटे प्रदान किए हैं। आमंत्रण पत्र का विमोचन डॉ. एके गुप्ता ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यशाला के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ ने की। इस अवसर पर आयोजन समिति के सचिव डॉ. कैलाश विश्वानी, साइंटिफिक सचिव डॉ. आशीष गौतम उपस्थित रहे। दी जाएगी ट्रेनिंग भी
जीरिएट्रिक सोसायटी ऑफ इंडिया के नेशनल प्रेसीडेंट डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि तीन दिनों में डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। बुजुर्गों को दवा देने का तरीका अलग है, संभालने का तरीका अलग है। 13 दिसंबर को 100 डॉक्टरों को ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। नर्सेज, पैरामेडिकल, फिजियोथेरेपिस्ट कैसे बुजुर्गों को संभाले, इस पर भी चर्चा होगी। साइंटिफिक प्रोग्राम चलेंगे। 80 प्रवक्ता आ रहे हैं, जो लेक्चर देंगे।
इंसुलिन देने की प्रक्रिया बुजुर्गों में अलग होती है, इस पर चर्चा होगी। कन्वोकेशन में 8 फेलोशिप दी जाएंगी। तीन दिन में 65 लेक्चर्स होंगे। 40 रिसर्च पेपर भी प्रस्तुत होंगे।
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