आगरा पुलिस ने साइबर क्राइम में सबसे बड़ी कार्रवाई की है। तीन मामले में आगरा पुलिस ने तीन गिरोह के 32 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को पकड़ने में पुलिस की अलग-अलग टीम में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी लगे थे। जांच के बाद पुलिस ने कार्रवाई की हैं। गिरोह के तार विदेशों से जुडे़ हुए हैं। गैंग भोले-भाले लोगों को बहला फुसलाकर उनके खाते खुलवाते थे। फिर उन खातों का साइबर फ्रॉड की धनराशि के लिए प्रयोग करते थे। एडीसीपी सिटी आदित्य कुमार ने बताया की एनसीआरपी पोर्टल पर अलग-अलग लोगों ने साइबर फ्रॉड और बैंक खातों के गलत इस्तेमाल की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा इन शिकायतों की जांच की गई। एक शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि 15 जून 2025 को वो एटीएम पर रुपए निकालने गए थे। वहां एक व्यक्ति ने उससे नगद 3600 रुपए मांगे और ऑनलाइन रुपए देने को कहा। उसने मदद करते हुए एटीएम से रुपए निकालकर दे दिए। इसके बाद उसे पता चला कि उसका खाता होल्ड हो गया है। जब बैंक में पता किया तो पता चला कि उनके खाते में साइबर फ्रॉड के 36 हजार रुपए आए थे। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो किरावली के ऋषि नाम के व्यक्ति का नाम सामने आया। उसके लिंक खाते की जांच में 54 शिकायत दर्ज पाई गईं। जब पूरे मामले की गोपनीय जांच की गई तो नितिन भगौर नाम के व्यक्ति के साथ साइब्रर क्राइम के संगठित गैंग चलाने की बात सामने आई। पुलिस ने इस मामले में 13 दिसंबर को ताजगंज से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने किया चौकाने वाले खुलासे पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बतया कि उनका एक गैंग है। सभी मिलकर साइबर ठगी जैसे डिजीटल अरेस्ट, वाट्सएप व टेलीग्राम पर यूपीआई लिंक भेजकर फ्रॉड करना, गूगल पर विज्ञापन चलाकर, क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ठगी करते हैं। इनके पास से पुलिस को कई आधार कार्ड मिले, जो कि फर्जी निकले। इनका कनेक्शन दुबई में बैठे सरगना नितिन से निकला है। नितिन व उसका साथी रवि राठौर ने बोगस कंपनी मेडलर सर्विसेज ग्रुप बनाई है। इस ग्रुप के खाते पर ही वो भारत से साइबर फ्रॉड की रकम मंगाता था। गैंग के 9 लोग अभी फरार हैं। लोन के नाम पर ठगने वाले भी पकडे़
पुलिस ने थाना शाहगंज में लोन के नाम पर ठगने वाले गिरोह के 6 लोगों को भी गिरफ्तार किया है। ये लोग सोशल मीडिया पर मोबीक्विक लोन एप का प्रमोशन करते थे। जो लोग लोन के लिए अपना मोबाइल नंबर डालते उन्हें ये एप डाउनलोड कराया जाता था। 5 हजार रुपए फीस जमा कराने पर 50 हजार रुपए का लोन तुरंत अप्रूव करने का झांसा देते थे। इसके बाद ओटीपी लेकर एप के वॉलेट में जमा की गई राशि को निकाल लेते थे। ये गैंग राजस्थान से ऑपरेट हो रहा था। जनसेवा केंद्र संचालक गिरफ्तार
एडीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वो लोगों के फर्जी आधार कार्ड भी बनवाते थे। सिकंदरा क्षेत्र के पनवारी में रहने वाले पवन के जनसेवा केंद्र पर वो ये काम कराते थे। पुलिस ने जनसेवा केंद्र संचालक पवन को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कई और जनसेवा केंद्र संचालक पुलिस की रडार पर हैं। ये हुए गिरफ्तार
https://ift.tt/C0jKVHR
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply