आगरा के थाना सिकंदरा थाना क्षेत्र में एक महिला ने घर में देह व्यापार चलने की शिकायत की। पुलिस ने छापा भी मारा। घर से युवक और युवतियों को पकड़ा गया था। वीडियो में भी युवतियां मुंह ढके निकलते दिख रही हैं। मगर, पुलिस ने देह व्यापार के मामले को शांति भंग में बदल कर कार्रवाई कर दी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की तो घर के बाहर हंगामा होने पर कार्रवाई की फर्जी रिपोर्ट दे दी। अधिकारियों से शिकायत करने पर पारिवारिक विवाद बताकर लौटा दिया गया। गुरुवार को पुलिस कार्रवाई का सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ है। मामला आवास विकास कालोनी सेक्टर 11 का है। यहां की रहने वाली महिला शिक्षिका का पति की हरकतों के चलते विवाद था। वह बेटी के साथ चार माह से मायके रह रही थी। उसे जानकारी हुई कि उसका पति उनकी अनुपस्थिति में घर में देह व्यापार और नशीले पदार्थों की बिक्री कर रहा है। 26 अक्टूबर को पुलिस हेल्पलाइन 112,1090 और 1076 पर काल कर शिकायत कर दी। पुलिस आई तो घर पर चार महिला और दो युवक मिले। पुलिस भारी भीड़ के बीच उन्हें लेकर थाने आई। देह व्यापार की शिकायत पर पुलिस ने अगले दिन बीच सड़क हंगामा करने की बात लिखकर आरोपी पति समेत तीन युवक और एक युवती का शांति भंग की धारा में चालान कर दिया।
पीड़िता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की तो वहां भी आपसी विवाद बताकर शांति भंग में कार्रवाई की रिपोर्ट देकर शिकायत निस्तारित कर दी। मौके पर कार्रवाई का वीडियो बनाने वाले एक यूट्यूबर का भी आरोपियों के साथ चालान किया गया है। गुरुवार को पुलिस द्वारा घर पर छापेमारी कर युवक युवतियों को हिरासत में लेने और घर पर युवक युवतियों के आने के वीडियो और फोटो वायरल हो गए। सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता नरेश पारस ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर घर से युवक-युवतियों के निकलते हुए वीडियो भी डाला है। उन्होंने सवाल उठाया है कि जब घर से मुंह ढके युवक-युवती निकल रहे हैं तो शांति भंग की धारा कैसे लग सकती है।
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