उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर 15 दिसंबर को प्रस्तावित प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन से पहले पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आया। संभावित बड़े प्रदर्शन की आशंका के चलते पुलिस ने आंदोलन के प्रमुख छात्र नेताओं आशुतोष पांडेय और पंकज कुमार को हिरासत में ले लिया। हालांकि छात्रों के दबाव के बाद दोनों को रिहा कर दिया गया। छात्र संगठनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस का यह कदम आंदोलन को कमजोर करने और नेतृत्व को तोड़ने की साजिश का हिस्सा है। बावजूद इसके, छात्र पीसीएस-2024 (प्रारंभिक) और आरओ-एआरओ 2023 (प्रारंभिक) परीक्षाओं से जुड़े मुद्दों पर 15 दिसंबर को आयोग कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण धरना देने के अपने फैसले पर अडिग हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलन पूरी तरह गैर-राजनीतिक होगा और किसी भी राजनीतिक दल की भागीदारी स्वीकार नहीं की जाएगी। छात्रों का मुख्य असंतोष आयोग की पारदर्शिता की कमी पर केंद्रित है। उनका कहना है कि अंतिम परिणाम घोषित होने के बावजूद संशोधित उत्तर कुंजी, सभी वर्गों का कटऑफ और अभ्यर्थियों के प्राप्तांक सार्वजनिक नहीं किए जाते। इसी मुद्दे पर छात्र छात्रावासों में जाकर समर्थन जुटा रहे थे, तभी पुलिस ने कार्रवाई की। आंदोलनकारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी न हुईं तो प्रदर्शन और तेज होगा।
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