इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाराजगंज स्थित एक अस्पताल को सील किए जाने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन एवं न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने डॉ नरेश कुमार गुप्ता की याचिका पर दिया है। याची के महाराजगंज स्थित अस्पताल को अधिकारियों ने पांच जुलाई को सील कर दिया जबकि इससे पूर्व उन्हें सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया।
इसके खिलाफ उन्होंने याचिका की। याची के अधिवक्ता अश्वनी कुमार श्रीवास्तव का कहना था कि याची ने अस्पताल के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसे छह जुलाई को खारिज कर दिया गया। पंजीकरण आवेदन को खारिज करने का कारण, प्रदूषण, आग और बायोमेडिकल अपशिष्ट से संबंधित बताया गया है। इसका संभावित अर्थ है कि अस्पताल द्वारा प्रदूषण नियंत्रण, अग्नि सुरक्षा और बायोमेडिकल अपशिष्ट के निस्तारण से संबंधित उपायों का प्रबंध नहीं किया गया था।
यह भी कहा गया कि याची को पंजीकरण आवेदन खारिज करने का विस्तृत आदेश अब तक नहीं दिया गया है। सरकार की ओर से बताया गया कि पंजीकरण प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था और अस्पताल अंतर्राष्ट्रीय सीमा (नेपाल के साथ) से 500 मीटर दूर स्थित है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से बुधवार को दोपहर जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा है कि अस्पताल के पंजीकरण आवेदन को खारिज करने की सूचना याची को क्यों नहीं दी गई? साथ ही पंजीकरण आवेदन खारिज होने से पहले ही याची को नोटिस दिए बगैर अस्पताल को सील क्यों किया गया?
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