‘अवैध संंबंध के शक में 19 दिसंबर 2022 को अजय ने मेरी बहन अलका की ईंट से सिर कूचकर हत्या कर दी थी। उस दौरान हम लोगों ने बच्चों के नाम प्रापर्टी करने पर अजय से समझौता कर लिया था। ये हमसे गलती हो गई, अगर समझौता न किया होता तो आज बच्चों का ये हाल न होता।’ यह बातें शनिवार को हैलट अस्पताल में भर्ती रूद्र की तीमारदारी में लगी मौसी अर्चना कटियार ने कहीं। वह पहले अपनी बहन और अब उसके बच्चे की मौत से गहरे सदमे में है। बहन बोली- समझौता न होता तो मेरा शुभ आज जिंदा होता उन्होंने बताया कि अजय और अलका ने 6 मई 2012 को लव मैरिज की थी। शादी के करीब 10 साल बीतने के बाद अजय को शक होने लगा कि अलका किसी और से बात करती है, जिसको लेकर पति-पत्नी के बीच झगड़ा होने लगा। हम लोगों ने समझौता कराया, जिस पर अजय ने दोबारा झगड़ा न करने की बात कही। फिर अचानक एक दिन खबर आई कि अलका की मौत हो गई। अजय ने मेरी छोटी बहन के सिर के पीछे हिस्से में ईंट से हमला किया था, हम लोग उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे थे, लेकिन उसने संपत्ति बच्चों के नाम करने की बात कही, जिसपर हम लोगों ने समझौता कर लिया था। आज उसी समझौते का परिणाम है कि उसने बच्चों की यह हालत कर दी, अगर आज वह जेल में होता तो मेरा शुभ जिंदा होता। सुबह 8 बजे आया रूद्र को होश, जूस और सूप पिया रूद्र का इलाज हैलट में सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मनीष सिंह की देखरेख में हो रहा है। मौसी अर्चना ने बताया कि उन्होंने कल से बच्चे को अपनी नजरों से दूर नहीं किया है। डॉक्टरों ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई है। सुबह करीब 8 बजे रूद्र को होश आ गया था, उसको सूप और जूस भी पिलाया। इसके बाद वह खुद चलकर वॉशरूम भी गया। बेटा बोला- मेरे सिर पर कुछ लगा, फिर मेरी आंखें बंद हो गईं कुछ मिनट तक रूद्र ने हमसे बात भी की। घटना का जिक्र करते हुए रूद्र ने अपनी मौसी से बताया कि सुबह पापा ने मुझे और शुभ को तैयार कर स्कूल भेजा था। छुट्टी होने की वजह से हम लोग घर लौट आए। फिर मैं और शुभ कमरे में खेल रहे थे। कुछ देर बाद पापा ने हम दोनों को घर में बुलाया और कमरा बंद कर लिया। फिर एकदम मेरे सिर पर कुछ लगा, इसके बाद मेरी आंखें बंद हो गई…। वहीं इन सब के इतर शनिवार सुबह अजय और उसके सात साल के बेटे शुभ का पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान अजय के बड़े भाई जल निगम लखनऊ में कार्यरत नवल किशोर, चंद्र प्रकाश, राम सिंह व पड़ोसी वीरेंद्र कटियार समेत अन्य रिश्तेदार मौजूद रहे। सभी इस घटना से हैरान थे। नवल किशोर ने बताया कि उनकी अजय से ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। छोटा भाई राम सिंह रोजाना उसकी ओम ज्वैलर्स शॉप खोलने के लिए जाता था। बड़ा भाई बोला-भाभी की तस्वीर देख कर रोता था अजय राम सिंह ने बताया कि भाभी अलका की मौत के बाद से अजय ने शराब पीना बंद कर दिया था। वह हर गुरुवार को बाजार बंदी के दिन हाशिमपुर गांव जाकर खेती भी देखते थे। उनसे रोजाना बातचीत होती थी, लेकिन कभी ऐसा नहीं लगा था कि वह ऐसा कदम उठा लेंगे। राम ने कहा कि अक्सर उनको भाभी की फोटो के सामने रोते भी देखा था, जिस पर कई बार उन्हें समझाया भी था कि जो हो गया उसे भूल कर बच्चों के बारे में सोचो। दोपहर करीब 12:30 बजे दोनों पिता-पुत्र के शव का पोस्टमार्टम हुआ। अजय के पोस्टमार्टम के दौरान उसकी वीडियोग्राफी कराई गई। जहरीला पदार्थ खाने की आशंका के कारण बिसरा सुरक्षित रखा गया। शुभ की मौत हेड इंजरी के कारण हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शुभ की मौत किसी भारी वस्तु के प्रहार से होने की बात सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार शुभ के सिर पर 3 वार किए गए थे, जिससे उसके सिर की हडि्डयां चकनाचूर हो गई थीं। एक साथ उठी अर्थियां तो रोया पूरा गांव करीब 2 बजे पिता-पुत्र का शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। बुजुर्ग रामशंकर और सियारानी सात साल के पोते शुभ और बेटे अजय के शव से लिपट-लिपट कर बिलख रहे थे। रामशंकर एक बार पोते का चेहरा दिखाने की लोगों से मिन्नतें करते रहे, लेकिन शव इतना क्षत–विक्षत था कि किसी की चेहरे से कफन हटाने की हिम्मत न पड़ी। एक घर में एक साथ दो मौतों की घटना से पूरे गांव में मातम का माहौल पसरा हुआ था, ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद से किसी के घर में चूल्हा नहीं जला। पिता-पुत्र की एक साथ अर्थी उठी, तो हर आंखों से आंसू छलक पड़े। बड़े भाई चंद्र प्रकाश ने आकिन घाट पर अजय को मुखागिनि दी। अजय के बगल में ही उसके बेटे शुभ का शव दफनाया गया। घर में लगे 5 CCTV कैमरे, 3 बार बंद किए गए मामले में अरौल थाना प्रभारी जर्नादन सिंह यादव ने बताया कि अजय के घर में पांच सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनमें से दो बाहर, एक गैलरी में व दो छत की तरफ हैं। बताया कि अजय ने सुबह बच्चों को स्कूल भेज दिया था, लेकिन सर्दी के कारण स्कूल की छुट्टी होने के बाद वह घर लौट आए थे। कमरे में फंदा भी लटका मिलने पर थाना प्रभारी ने आशंका जाहिर की, कि हो सकता है कि अजय पहले खुद ही सुसाइड करना चाहता हो, लेकिन बच्चों के स्कूल के लौटने पर उसने उन्हें भी मारने की ठान ली हो। बताया कि सुबह 8:23 पर बच्चे कमरे में खेल रहे थे, इसके बाद अजय उन्हें कमरे से बाहर ले जाता हुआ दिखा है। सुबह 8:30 से 10 के बीच में तीन बार सीसीटीवी कैमरे बंद किए गए है, जिनमें एक बार 30 मिनट व दो बार 10-10 मिनट कैमरे बंद रहे हैं।
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