सुल्तानपुर में कोतवाली नगर पुलिस ने अवैध टैक्सी स्टैंड संचालक काजिम हुसैन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। काजिम पर एक अधिवक्ता पर हमला करने और लूटपाट का आरोप है। उसकी गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिसमें नगर कोतवाल समेत कई पुलिसकर्मी मुस्तैद रहे। यह घटना 25 नवंबर को हुई थी, जब अधिवक्ता समर बहादुर सिंह अपने नाती धवल सिंह की शादी में शामिल होने के लिए लखनऊ जा रहे थे। वे अपने संबंधी राजन सिंह और पवन सिंह की गाड़ी से वाराणसी से आ रहे थे और अमहट चौराहे पर उनका इंतजार कर रहे थे। जैसे ही अधिवक्ता अपने रिश्तेदार की गाड़ी में बैठे, काजिम हुसैन नामक व्यक्ति ने खुद को स्टैंड का ठेकेदार बताते हुए 200 रुपये की मांग की। अधिवक्ता ने यह कहते हुए टोकन शुल्क देने से इनकार कर दिया कि यह उनके रिश्तेदार की निजी गाड़ी है। इस पर काजिम ने गाली-गलौज शुरू कर दी, जिसके बाद अधिवक्ता ने अपना परिचय देते हुए विरोध किया। इसके बाद गाड़ी लखनऊ की ओर बढ़ने लगी। सहाबागंज मोड़ पर पहुंचने पर काजिम हुसैन ने अपनी काले रंग की कार से अधिवक्ता की गाड़ी को ओवरटेक कर रोक लिया। वह अपने तीन अन्य साथियों के साथ आया और अधिवक्ता को पकड़कर जबरन अपनी गाड़ी में बैठाने का प्रयास करने लगा। जब अधिवक्ता ने विरोध किया, तो हमलावरों ने उनकी शर्ट की सामने वाली जेब से 10,000 रुपये छीन लिए। उन्होंने अधिवक्ता को यह धमकी भी दी कि यदि कोई कानूनी कार्रवाई की गई तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। अधिवक्ता 30 नवंबर को शादी से लौटे और दूसरे दिन लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में ठेकेदार का नाम काजिम हुसैन बताया गया, जिसकी पहचान फोटो के माध्यम से हुई। यह भी बताया गया है कि आरोपी काजिम कथित तौर पर आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के संरक्षण में निजी वाहनों से 200 रुपये लेकर उन्हें टैक्सी के रूप में लखनऊ आदि स्थानों पर भेजता था। अधिकारियों को मुफ्त में गाड़ियां उपलब्ध कराने के कारण उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
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