बुधवार को अलीगढ़ महिला थाने और पुलिस लाइन परिसर में अलग मंजर देखने को मिला। पत्नी की शिकायत के बाद महिला थाने पहुंचा मथुरा निवासी संजय कभी सास के पैर पकड़कर रोता दिखा, तो कभी पुलिसकर्मियों के सामने हाथ जोड़कर इंसाफ के लिए गुहार लगाता रहा। वह बार-बार रोते हुए कह रहा था, ‘मैडम, मुझे मेरी बीबी से बचा लीजिए।’ अपनी बेटी को समझा, मेरे साथ भेज दो महिला थाने से निकलकर पुलिस लाइन परिसर में पहले पत्नी को समझाने के लिए हाथ जोड़े। इसके बाद पुलिस लाइन के गेट पर सास के पैरों में गिर कर रोने लगा। बार-बार कह रहा था, मेरी मैया रहम कर…अपनी बेटी को समझा, मेरे साथ भेज दो…। लेकिन उसकी सारी कोशिशें नाकाम हो गईं। बेटे के इलाज के नाम पर भी लिए रुपए संजय ने बताया कि उसकी शादी गोंडा क्षेत्र के पिंजरी गांव की रहने वाली युवती से हुई है। संजय बेलदारी कर किसी तरह परिवार का पेट पालता है। उसके तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा आठ साल का है और दिव्यांग है। संजय का आरोप है कि बच्चे के इलाज के नाम पर उससे रुपए लिए गए, लेकिन इलाज नहीं कराया गया। सास-ससुर पर परेशान करने का आरोप पीड़ित पति का कहना है कि पत्नी का व्यवहार अचानक बदल गया। पीड़ित पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी और सास-ससुर उस पर लगातार दबाव बना रहे हैं। सास ने खर्चा न देने पर जान से मरवाने की धमकी दी है। कई बार उसके साथ मारपीट भी हुई। आरोप लगाया कि एक दिन पत्नी ने मायके पक्ष के लोगों को बुलाकर उसे पिटवाया। इसके बाद गहने लेकर फरार हो गई। धमकियों के चलते वह डर के साए में जी रहा है। मजदूरी कर रोज कमाने वाला संजय कहता है कि इतना खर्च देना उसके बस में नहीं है। पत्नी का साथ चाहिए महिला थाने में पुलिस ने दोनों पक्षों को सुना। संजय को 14 तारीख को दोबारा बुलाया गया है। उसने कहा कि वह पत्नी का साथ चाहता है, लेकिन एक युवक और उसे उकसाने वाले ससुराल वालों पर कार्रवाई की जाए। महिला थाने के बाहर संजय ने पत्नी के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मैं गरीब आदमी हूं… कुछ तो रहम करो।
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