अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी क्षेत्र के भीकमपुर गांव में बुजुर्ग की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए रास्ता न मिलने पर हंगामा हो गया। ग्रामीणों ने शव को जीटी रोड पर रखकर जाम लगा दिया। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस-प्रशासन ने मामला शांत कराया और शव को श्मशान पहुंचवाया। बीमारी के चलते बुजुर्ग की मौत गांव के 58 वर्षीय ओमप्रकाश लोधी कोल्ड ड्रिंक की एजेंसी चलाते थे। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और बुधवार को उनका निधन हो गया। परिजन अर्थी लेकर श्मशान घाट के लिए निकले। गांव से शमशान तक जाने का एक ही रास्ता पड़ोसी के खेत से होकर गुजरता है। पड़ोसी ने खेत से गुजरने से रोका परिवार का आरोप है कि पड़ोसी राजेंद्र ने रास्ता रोक दिया और कहा कि यह आम रास्ता नहीं है। खेत से गुजरने पर उसकी खड़ी गेहूं फसल बर्बाद होगी। इस बात पर दोनों पक्षों में नोकझोंक शुरू हो गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ऐसी स्थिति में पहले भी कई बार अंतिम संस्कार में दिक्कत हो चुकी है। बावजूद इसके रास्ते का स्थायी समाधान नहीं किया गया। जीटी रोड पर लगा लंबा जाम आक्रोशित परिजन और ग्रामीण शव को जीटी रोड पर लाए और जाम लगा दिया। देखते ही देखते हाईवे पर लंबा जाम लग गया। महिलाओं ने खेत के सहारे लगे खंभे भी उखाड़ दिए। सूचना पर थाना बन्नादेवी पुलिस, सीओ कमलेश कुमार और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण श्मशान तक रास्ता उपलब्ध कराने की मांग पर अड़े रहे। तहसीलदार के नेतृत्व में पहुंची राजस्व टीम मामले की गंभीरता देखते हुए कोल तहसील से नायब तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम पहुंची। खेत मालिक राजेंद्र से बातचीत की गई और ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि रास्ते के विवाद का निस्तारण कराया जाएगा। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में शव को श्मशान ले जाया गया और अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। गांव में शांति, लेकिन समाधान की मांग सीओ कमलेश कुमार ने बताया कि गांव में अब शांति है और कोई विवाद नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि अंतिम संस्कार के समय हर बार सड़क पर उतरना न पड़े, इसके लिए स्थाई रास्ता तय किया जाए।
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