अयोध्या में एक विधवा महिला ने मिल्कीपुर के न्यायिक तहसीलदार रंजन वर्मा पर 12 लाख रुपये लेने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि तहसीलदार ने उनके पति की विरासत से संबंधित मामले में उनके जेठ के पक्ष में आदेश पारित कर दिया, जबकि वह वैध पत्नी हैं। इस मामले में उपजिलाधिकारी कोर्ट में अपील दायर की गई है, जिसकी अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी। पीड़िता प्रेम कुमारी, जो पुलिस चौकी हैरिंग्टनगंज क्षेत्र के रामपुर जोहान पूरे मनसा गांव की निवासी हैं, ने आरोप लगाया है कि तहसीलदार रंजन वर्मा ने उनके जेठ अनिल कुमार उपाध्याय से 12 लाख रुपये लिए। यह राशि उनके जेठ ने कुछ जमीन बेचकर और अन्य लोगों से उधार लेकर दी थी। आरोप है कि इस लेनदेन के बाद तहसीलदार ने अनिल कुमार उपाध्याय के पक्ष में आदेश पारित कर दिया। प्रेम कुमारी के अनुसार, उनके पति सुनील कुमार की मृत्यु के बाद परिवार रजिस्टर, मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार, पेंशन, राशन कार्ड और चुनाव पहचान पत्र जैसे सभी सरकारी दस्तावेजों में उन्हें वैध पत्नी दर्शाया गया है। इसके बावजूद, मिल्कीपुर के न्यायिक तहसीलदार द्वारा पारित आदेश में विरासत का लाभ किसी अन्य व्यक्ति के नाम कर दिया गया, जो वास्तविक तथ्यों के विपरीत है। यह मामला कुल 13 बीघा जमीन से संबंधित है। इस आदेश के खिलाफ प्रेम कुमारी ने नियमानुसार उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर के समक्ष अपील/प्रार्थना पत्र दायर किया था। पीड़िता का कहना है कि इस अपील पर 15 दिनों के भीतर निर्णय अपेक्षित था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि, अब इस मामले की सुनवाई एसडीएम कोर्ट में हो चुकी है, जिसमें कोई निर्णय नहीं हो सका। अगली सुनवाई की तारीख 22 दिसंबर निर्धारित की गई है।
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