अयोध्या में रबी सीजन की बुवाई तेजी से जारी है। कृषि विभाग के अनुसार, अब तक 93 प्रतिशत गेहूं की बुवाई पूरी हो चुकी है। इस वर्ष जिले के 11 विकास खंडों में 98 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जबकि पिछले वर्ष 1 लाख एक हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई थी। वर्तमान में तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस के आसपास है, जिसे गेहूं और चने की बुवाई के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष गेहूं की खेती का रकबा 98 हजार हेक्टेयर है। पिछले रबी सीजन में गेहूं की बुवाई 1 लाख एक हजार हेक्टेयर में की गई थी। किसानों को बुवाई के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। किसान ओम प्रकाश ने जानकारी दी कि शारदा सहायक डबल नहर में पानी नहीं आ रहा है इतना ही नहीं नियमित बिजली भी नहीं मिल पा रही है। जिससे खेत तैयार करने और बुलाई सुचारु रूप से चल रहा है। गोदाम पर पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद नहीं है एमपी के सहारे किसानों को बुवाई करना पड़ रहा है।किसान राजित राम ने बताया कि रबी फसलों के अंकुरण के बाद यूरिया खाद की मांग बढ़ेगी, जिसके लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। लेकिन मुझे नहीं लग पा रहा है कि सभी किसानों को खाद आसानी से उपलब्ध होजाएगी। पिछले खरीफ सीजन में अत्यधिक बारिश, तेज हवा और अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ था, जबकि कपास की फसल भी देर से चालू हुई थी। किसान अब रबी सीजन से बेहतर उत्पादन और मुनाफे की उम्मीद लगाए बैठे हैं। विभाग का मानना है कि यदि मौसम सामान्य रहा तो इस बार गेहूं, चना और मक्का की फसलों की अच्छी पैदावार हो सकती है। कृषि उपनिदेशक डॉ पीके कनौजिया से जब जानकारी चाहिए गई तो उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष गेहूं बुवाई का क्षेत्रफल घटा है इसका कारण उन्होंने बताया कि लोग दलहन तिलहन खेती की ओर फोकस कर रहे हैं। इस बार दलहन तिलहन का क्षेत्रफल बड़ा है।
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